ब्लैक फंगस के उपचार के लिए BHU ने सरकार से मांगी दवाएं, ICMR को भेजी सूची
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस इंफेक्शन के बढ़ते मामलों के बीच बीएचयू का सर सुंदरलाल अस्पताल भी सक्रिय हो गया है। अस्पताल प्रशासन ने सरकार से ब्लैक फंगस की दवाओं की डिमांड भेजी है। कारण कि इसके उपचार की दवाएं फिलहाल बाजार में उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही वाराणसी स्थित भारत सीरम लिमटेड के डीपो ने भी अपनी कंपनी को मांग भेज दी है।
बताया जा रहा है कि ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने इसकी दवाओं को अपने अधीन ले लिया है। ताकि इसकी भी रेमडेसिविर की तरह कालाबाजारी नहीं हो। पिछले माह जब कोरोना की लहर काफी तेज थी तो कई लोग आपदा के असुर बनकर चार हजार के रेमडेसिविर इंजेक्शन को 40 हजार रुपये तक बेचने लगे थे। हालांकि ऐसे लोगों की प्रशासन ने कुंडली तैयार कर ली है। जल्द ही उनपर भी नकेल कसी जाएगी। इसी बीच ब्लैक फंगस इंफेक्शन ने आफत बढ़ा दी है। बताया जा जा रहा है के इसके उपचार में एक से दो लाख रुपये तक लग जाते हैं। हालांकि इसके मरीज बहुत कम है। ऐसे में बीएचयू में ही इसके उपचार की तैयारी की गई है। सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता ने बताया के ब्लैक फंगस की दवाएं व इंजेक्शन अब दुकानों पर नहीं उपब्ध हैं। इस लिए इसकी मांग सरकार से की गई है। इसमें इंफोटेरेसिन बी भी शामिल है। अाइसीएमआर को इस रोग में उपयोग होने वाली दवाओं की सूची भेज दी गई है। साथ ही पोस्ट कोविड ब्लैक फंगस नाम से एक ग्रुप भी बनाया गया है। वहीं केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज खन्ना ने बताया कि यहां की डीपो से कंपनियों को इंडेंट भेज दिया गया है।
रविवार को बीएचयू में नहीं आए एक भी ब्लैक फंगस पीड़ित
बीएचयू में ब्लैक फंगस से मौत के बाद अब राहत भरी खबर आई है कि रविवार को एक भी संक्रमित नहीं आए। रविवार को विभाग तो बंद थे, मगर इमरजेंसी में एक भी मामला सामने नहीं आया। इसी के साथ बीएचयू में अब ब्लैक फंगस के कुल नौ मरीज हैं, जिनकी कोविड रिपोर्ट सोमवार सुबह आने के बाद इलाज की प्रक्रिया शुरू होगी। इन नौ मरीजों में तीन की रिपोर्ट पांच दिन से नहीं आई है, वे सभी इमरजेंसी में भर्ती हैं। वहीं छह की आरटी-पीसीआर जांच बीते शनिवार को हुई। बीएचयू में ईएनटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. सुशील अग्रवाल ने बताया कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आएगी उसके बाद सोमवार को भर्ती करके उनका इलाज किया जाएगा। बनारस में अब तक कुल तीस मरीज ब्लैक फंगस के देखे जा चुके हैं, जिनमें से कई तो हल्के लक्षण वाले हैं जो कि अपने घर से ही डाक्टरी सलाह पर इलाज करवा रहे हैं।