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बनारस कबीरचौरा में कुत्तों के लिए बनेगा 50 बेड का वार्ड और ओटी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. कोरोना काल में आपने डीआरडीओ जैसा भव्य कोविड अस्पताल देख लिया लेकिन अब सरकार ने उन जानवरों के स्वास्थ्य की भी चिंता की है जो मानव समाज में स्वामी भक्ति का उदाहरण हैं। जी हां, सही समझा आपने। बात उस कुत्ते की हो रही है जो मानव संस्कृति में रच-बस गया है। उनके लिए नया अस्पताल भवन बनने जा रहा है जिसमें उनको भर्ती करने के लिए 50 बेड भी स्थापित होंगे।

इसके अलावा हालत गंभीर हुई और सर्जरी की जरूरत समझ में आई तो उनका आपरेशन भी हो सकेगा। इसके लिए आपरेशन थिएटर भी बनाया जाएगा। यह निर्माण कबीरचौरा स्थित पशु चिकित्सालय परिसर में होगा। इसके लिए नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग की ओर से निविदा भी आमंत्रित की गई है। नगर निगम के पशु कल्याण विभाग के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अजय कुमार सिंह के अनुसार अनुमानित करीब सात करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसके सापेक्ष दो करोड़ रुपये शासन स्तर से निर्गत भी हो गए हैं। इस अस्पताल में कुत्ता समेत हल्के वजन के जानवराें का इलाज संभव हो सकेगा। यदि चार-छह दिन जानवर को रखने की जरूरत महसूस कि गई तो पशु चिकित्साधिकारी के आदेश पर उनको भर्ती भी किया जाएगा।


पालतू जानवरों के लिए यह विशेष सुविधा

पालतू जानवरों के लिए यह विशेष सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके तहत पशु मालिक को शुल्क अदा करना होगा। इसके अलावा यदि कुत्ते या बिल्ली में ऐसे संक्रमण देखे जाते हैं जो उनके समुदाय में तेजी से फैलने की आशंका बन रही हो तो स्ट्रीट डॉग को भी अस्पताल की यह सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा नसबंदी के लिए भी इस नए अस्पताल का उपयोग होगा। इसमें नगरीय क्षेत्र से स्ट्रीट डॉग को लाया जाएगा। नसबंदी कर फिर से उनके इलाके में छोड़ दिया जाएगा क्योंकि इलाका बदलने पर वहां के कुत्ते ही जानलेवा हमला करते हैं।


रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर जुर्माना

अब कुत्ता पालने वाले सतर्क हो जाएं क्योंकि कुत्ते का रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यह रजिस्ट्रेशन 200 रुपये में होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद पालतू कुत्तों को जीओ टैगिंग द्वारा बारकोड युक्त पहचान पत्र जारी किए जाएंगे जिसे कुत्तों को पहनाना अनिवार्य होगा। इसमें टीकाकरण के साथ ही उसकी नस्ल का भी जिक्र रहेगा। अगर, घर में बिना रजिस्ट्रेशन वाला पालतू कुत्ता पाया गया तो जुर्माना भी लगाया जाएगा।

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