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वंदेभारत एक्‍सप्रेस डेढ़ महीने बाद दोबारा लौटी पटरी पर, वाराणसी से नई दिल्‍ली तक कराएगी यात्रा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. देश की पहली सेमीहाईस्पीड टी-18 (ट्रेन वंदे भारत) स्पेशल ट्रेनडेढ़ महीने बाद शुक्रवार को अपने स्वरूप में पटरी पर लौट आई। तीन वर्ष की मियाद पूरी होने के कारण इस ट्रेन के रैक को पीओएच (फुल ओवर हालिंग) के लिए नई दिल्ली और लखनऊ स्थित आलमबाग कार्यशाला में भेजा गया था। यात्री इस ट्रेन में अब अपना आरक्षण करा सकेंगे। रेल अधिकारियों के अनुसार 18 माह पूरे होने या छह लाख किलोमीटर की यात्रा के बाद ट्रेन के रैक को वर्कशाप में ओवरहालिंग के लिए भेजना जरूरी होता है।

इससे पूर्व वंदेभारत एक्‍सप्रेस की जगह तैनात रही तेजस एक्सप्रेस के रैक ने बुधवार को कैंट स्टेशन (वाराणसी जंक्शन) और नई दिल्ली के बीच अंतिम फेरा पूरा किया। होली की छुट्टियां बिताकर लौटने वालों की भीड़ के चलते ट्रेन दोनों ओर से पूरी तरह भरी हुई थी। 45 दिनों की अवधि में तेजस एक्सप्रेस रैक से सफर करने वालों की जेब पर बोझ भी कम पड़ा। वंदे भारत के रैक की तुलना में तेजस का किराया काफी कम था। 


इसके बदले विकल्प ने तेजस एक्सप्रेस का रैक लगाकर वंदे भारत कोविड स्पेशल का परिचालन सुचारू रखा गया। होली की छुट्टियां बिताकर लौटने वालों की भीड़ के चलते यह ट्रेन पहले दिन दोनों तरफ से पैक थी। 45 दिनों की अवधि में तेजस एक्सप्रेस रैक से सफर करने वालों की जेब पर भी बोझ कम पड़ा। अब वंदेभारत एक्‍सप्रेस दोबारा दो अप्रैल से अपनी गति से यात्रियों को सफर कराने में व्‍यस्त हो गई है। पूरी तरह ट्रेन का मेंटेनेंस जांच होने के बाद यह सफर पर रवानगी के लिए तैयार हो चुकी है। वहीं ट्रेन के वाराणसी आने पर अधिकारियों ने भी जायजा लिया। 


वंदे भारत के रैक की तुलना में तेजस का किराया कम था। इस ट्रेन में वाराणसी से नई दिल्ली तक चेयरकार का किराया 1245 रुपये और एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2710 रुपये ही लिया गया। फिलहाल, रैक बदलने के बाद पूर्व निर्धारित किराया वसूला जाएगा। ट्रेन पूरी तरह से साफ सफाई ही नहीं बल्कि तेज गति से दौड़ने के लिए भी तकनीकी तौर पर जांंच परख के बाद वाराणसी रवाना हुई है। ट्रेन के सफर पर आने के साथ ही यह अब अगले लगभग डेढ वर्षों के लिए सेवा देगी। इसकी वजह से वाराणसी और नई दिल्‍ली के बीच का समय भी काफी बचेगा। आधुनिक सुख सुविधाओं से लैश यह ट्रेन यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय रही है। 


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