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शिक्षक संघ का दावाः पंचायत चुनाव में 577 टीचर-शिक्षामित्रों की मौत, मतगणना रोकने की मांग

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी के शिक्षक संघों ने राज्य निर्वाचन आयोग को 577 टीचर्स और सपोर्ट स्टाफ की लिस्ट सौंपी है। संघ का दावा है कि इन सभी की पंचायत चुनाव में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई। इसी के साथ टीचर यूनियन ने दो मई को होने वाली मतगणना रोकने की मांग की है।

इंडिया टूडे की खबर के अनुसार यूपी शिक्षक संघ महासभा के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि हमने 577 प्राइमरी शिक्षकों की लिस्ट दे दी है। यह शिक्षक यूपी के 71 जिलों के हैं। इन सभी की मौत कोरोना की लहर के दौरान हुई है। 


इससे पहले मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को नोटिस भेजकर पंचायत चुनाव के दौरान हुई शिक्षकों की मौत पर जवाब मांगा था। बुधवार को शासन की ओर से सभी डीएम और एसपी को लेटर भेजकर शिक्षकों की मौत के बारे में 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट मांगी थी।  


इस लिस्ट में 577 शिक्षक और शिक्षामित्रों के नाम और पते दिए गए हैं। टीचर यूनियन के एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया, 'ईमानदारी से कहूं तो कोर्ट के नोटिस जारी करने से शिक्षकों को कोई फायदा नहीं है क्योंकि अगली सुनवाई की तारीख 3 मई है, जो कि मतगणना के एक दिन बाद पड़ेगी। इस वक्त जरूरत है कि कम से कम मतगणना की तारीख स्थगित कर दी जाए।'


निर्वाचन आयोग ने मांगी 24 घंटे में रिपोर्ट

राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य अधिकारी एसके सिंह ने सभी राज्यों के डीएम, एसपी और जिला निर्वाचन अधिकारी को पत्र भेजकर उनके जिलों में हुई शिक्षकों की मौत का सच पता लगाने का आदेश दिया है। साथ ही 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने को भी कहा गया है।


'मृतकों के आंकड़े देखकर भयभीत हूं'

दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि उन्हें अलग-अलग जिलों जैसे फतेहपुर, बलरामपुर, शामली, अलीगढ़ और हमीरपुर में चुनाव ड्यूटी पर लगाए गए शिक्षकों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा, 'मैं नंबर देखकर भयभीत हूं। उनके परिवार भी प्रभावित हुए हैं। स्थिति बेहद नाजुक है।'


'हमें काउंटिंग की ड्यूटी के लिए बाध्य किया जा सकता है'

शर्मा ने कहा कि 12 अप्रैल को यूपी में कोरोना के मामलों में इजाफा होने के बाद हमने राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव टालने की गुजारिश की थी जिसे अनसुना कर दिया गया। हमें मतगणना वाले दिन बाध्य किया जा सकता है।' दूसरे यूनियन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्षों ने भी सभी जिलों में निर्वाचन आयोग के दफ्तर पर ज्ञापन सौंपा है।


ड्यूटी से नाम हटवाने की कोशिश भी काम न आई

मतगणना के लिए चुने गए कर्मचारी लिस्ट से अपना नाम हटवाने के लिए ओवरटाइम ड्यूटी कर रहे हैं लेकिन फिर भी उन्हें सफलता नहीं मिल रही है। बल्कि अधिकारियों ने एक कदम और आगे बढ़कर बुधवार को स्टाफ के लिए ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया।


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