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Panchayat Chunav 2021: गूंज रही आवाज - 'पंचायत चुनाव मा हमहू खड़ा हो गयल हई, ध्यान देहियह'

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/वाराणसी।  पंचायत चुनाव की नजदीक आते ही गांव के चट्टी-चौराहों पर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई हैं। मकान की दीवारे जिला पंचायत, ग्राम प्रधान व बीडीसी का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के पोस्टरो से जहां रंग गए वही सरकारी खंभे होर्डिंग से पट गए हैं। पंचायत में मतदाताओं के समक्ष रोज एक नए प्रत्याशी आकर हाथ जोड़ कह रहें हैं कि 'हमहू खड़ा हो गयल हई, ध्यान देहियह' !मतदाता भी 'विजय श्री' का आशीर्वाद देने में देर नही कर रहे।

मठाधीशों द्वारा जगह-जगह अहरा दग बाटी-चोखा के दौर के साथ ही उडंतुआ (मुर्गा) दौडंतुआ (बकरा) व तैरंतुआ (मछली) का दौर शुरू हो देसी-विदेशी शराब की बोतलों के सील टूटने लगे हैं। होली के त्योहार की आड़ लेकर कुछ ने तो साड़ी-कपड़े व रुपए भी बांटे।


ग्रामीण अंचल में पंचायत चुनाव का आरक्षण आने के बाद से ग्राम पंचायतों में खुशी-गम के साथ ही चुनावी सरगर्मी बढ़ गई हैं। आरक्षण ने जहां कई प्रत्याशियों की तैयारी पर पानी फेर दिया, वही कुछ नए चेहरों ने ताल ठोंका। चुनाव से वंचित होने वाले माननीय अब मठाधीश बन अपनी भूमि तैयार करने में जुट गए हैं। चालाक मतदाता भी हाथ जोड़कर सभी प्रत्याशियों को खुश करने हेतु 'विजय श्री' खूब आशीर्वाद दे रहे हैं। चुनाव में जीत की खातिर जोड़-तोड़ की गंवई राजनीति के साथ ही दावतों का दौर भी शुरू हो गया हैं।


महिलाओ के लिए आरक्षित सीट पर पति अपनी पत्नियों के लिए भागदौड़ कर रहे हैं। पत्नियों के पढ़ाई की योग्यता भी पोस्टर-बैनर व होर्डिंग पर लिखवा दिए गए हैं।जनता से दूर भागने वाले अब अपने 'भाग्य विधाताओं' से दिन में कई बार आते-जाते रास्ते में घेर कर मिल 'हमहू खड़ा हो गयल हई' कह हाथ जोड़ हालचाल ले रहे। कोई प्रत्याशी अपनी जाति-बिरादरी तो कोई अपने 'आका' (मठाधीश) के बलबूते जीत का दावा कर रहे हैं। चुनावी सगुफे भी खूब छोड़े जा रहें।हर कोई बस अपनी गोटी सेट करने में जुटा हैं।


चुनावी तैयारियों में युवा वर्ग तेजी से नशे की लत का शिकार हो रहे हैं। मुर्गा, बकरा, मछली समेत शराब-बियर हेतु विभिन्न प्रत्याशियों व उनके समर्थकों द्वारा पर्ची व टोकन दिए जा रहे। कुछ भी हो पांच साल पर लगने वाले चुनावी मेला का हर कोई लुत्फ उठा रहा है।

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