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Ghazipur: उत्तर प्रदेश में मुख्तार की जान को खतरा, इसे संज्ञान में ले सुप्रीम कोर्टः अफजाल अंसारी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सांसद अफजाल अंसारी का मानना है कि उनके विधायक भाई मुख्तार अंसारी यूपी में योगी सरकार के रहते महफूज नहीं हैं और वह चाहते हैं कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान में ले।

 


एक प्रमुख न्यूज पोर्टल से खास बातचीत में अफजाल ने अपनी बात को पोख्ता करने के लिए योगी सरकार के मंत्रियों और भाजपा नेताओं की ओर से मुख्तार को लेकर आए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि बांदा जेल में जहर देकर मुख्तार की हत्या की कोशिश हो भी चुकी है लेकिन परिवार को अब ऊपर वाले के इंसाफ पर पूरा भरोसा है।


इस मामले में परिवार कोर्ट जाएगा। इस आशय के सवाल पर अफजाल ने कहा कि अभी कोर्ट बंद है। फिर वह इसमें जोड़े-इसका मतलब यह नहीं कि मुख्तार अनाथ हैं। उन्हें चाहने वाले लाखों हैं और जिस दिन मुख्तार संग कोई अनहोनी हुई, उस दिन वह लाखों लोग सड़क पर उतर आएंगे।


मुख्तार के लिए बदले की भावना से कार्रवाई का योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए अफजाल ने कहा कि योगी सरकार को टीस यही है कि मुख्तार जेल में रहकर लगातार मऊ से विधायक चुने जा रहे हैं। योगी सरकार मुख्तार की गलत छवि पेश कर रही हैं जबकि सच्चाई लोगों को पूर्वांचल में जाकर पता करनी चाहिए। मुख्तार गरीबों के मसीहा हैं। परिवार के पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं। देश की इज्जत, हिफाजत खातिर अपनी कुर्बानियां दी है। इसी क्रम में अफजाल ने मीडिया को भी लपेटा। कहे- मीडिया भी हमारे परिवार की छवि धूमिल करने पर आमादा हो गई है। उधर सरकार चुनावी फायदे के लिए अपने मुद्दे से हटकर काम कर रही है लेकिन वह मुगालते में है। हकीकत यही है कि चुनाव में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। एक अन्य सवाल पर अफजाल कहे कि मुख्तार का पंजाब की कोर्ट में पेशी पर व्हील चेयर से आने का कारण यही है कि वह दो साल से बीमार हैं। मुख्तार की कमर में गंभीर चोट है। चोट के कारण कभी-कभी मुख्तार को चलने में दिक्कत होती है। मुख्तार 15 साल से जेल में हैं, जो व्यक्ति इतने सालों से जेल में हो, वह कहां से अपने पैरों पर चल पाएगा। वैसे भी अब उनकी उम्र 60 साल हो चुकी है।


यूपी के पूर्व डीजीपी और भाजपा सांसद बृजलाल के आरोप की चर्चा पर अफजाल ने कहा कि मुख्तार के लिए विधायक निधि से एंबुलेंस खरीदने की बात सरासर झूठ है। इसकी जांच करवा ली जाए। सच सामने आ जाएगा।


सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी पहुंची स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट

मुख्तार अंसारी की पंजाब से यूपी जेल में शिफ्टिंग के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी प्रयागराज स्थित स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में पहुंच गई है। आदेश की कॉपी पहले जनपद न्यायालय में पहुंची। उसके बाद उसे एमपी एमएलए कोर्ट भेजा गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत एमपी एमएलए कोर्ट को तय करना है कि मुख्तार अंसारी को किस जेल में रखा जाएगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मुख्तार अंसारी को पंजाब से पहले बांदा जेल भेजा जाए। मालूम हो कि एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार अंसारी से जुड़े कुल 11 मामलों का ट्रायल चल रहा है।

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