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डॉ. अलका से पूछताछ में मिले अहम सुराग, राज उगलवाने के लिए गिरफ्तारी टालती रही पुलिस!

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बाराबंकी. एंबुलेंस पंजीयन मामले में नामजद डाॅ. अलका राय की गिरफ्तारी में देरी की वजह पुलिस का उनसे राज उगलवाना माना जा रहा है। एंबुलेंस प्रकरण में नाम आने के बाद से ही पुलिस उनके संपर्क में थी और बयान भी ले चुकी थी। इसके बावजूद गिरफ्तारी नहीं की थी। उन्हीं के बयान के आधार मुकदमे में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी उनके करीबियों को शामिल किया गया था। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत उनकी गिरफ्तारी जल्दी करनी पड़ी है, जबकि पुलिस को उनसे अभी और जानकारी हासिल करनी है। आगे की कार्रवाई पुलिस उनको रिमांड पर लेकर करेगी।

तथ्यों की पुष्टि होते ही पुलिस करेगी और गिरफ्तारियां: फर्जी दस्तावेज के जरिये एंबुलेंस का पंजीयन होने की बात सामने आने पर दो अप्रैल को मऊ की डा. अलका राय के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। इसके बाद तीन अप्रैल को मऊ के लिए पुलिस टीम रवाना हो गई थी और वहां उनसे पूछताछ की थी। इसमें टीम को अहम सुराग मिले थे और इसी आधार पर मुकदमे में अन्य के नाम शामिल किए गए और राजनाथ यादव की गिरफ्तारी भी की गई थी। पुलिस को अलका से अभी और राज उगलवाने थे। शायद इसीलिए पुलिस उनकी गिरफ्तारी टाल रही थी। अगर ऐसा नहीं था तो पुलिस पहले दिन ही उनकी गिरफ्तारी कर सकती थी। अलका से पूछताछ में पुलिस को अन्य लोगों के संलिप्तता की भी जानकारी मिली है। पुलिस उनसे संबंधित तथ्यों की गहनता से पड़ताल में जुट गई है। पुष्टि होते ही अन्य की भी गिरफ्तारी की जाएगी। बताया जाता है कि पुलिस टीम को डा अलका राय के फरार होने का अंदेशा था। इसलिए उनकी गिरफ्तारी में शीघ्रता की गई।


पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि पूछताछ में जिले और गैर जनपद के कई नाम प्रकाश में आए हैं। प्रकरण में उनकी भूमिका की गहनता से पड़ताल की जा रही है। संलिप्तता की पुष्टि होने पर गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस अलका राय और जेल में बंद अन्य आरोपितों को जल्द ही रिमांड पर लेकर और जानकारी हासिल करेगी।

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