मऊ जिले से सांसद बनने का सपना देख रही थी डॉ. अलका राय, फिलहाल पहुंची गई जेल
गाजीपुर न्यूज़ टीम, मऊ. सदर विधायक और माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब के मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने वाली एंबुलेंस प्रकरण में फंसी भाजपा गोरक्ष प्रांत की महिला मोर्चा की महामंत्री व श्याम संजीवनी अस्पताल, बलिया मोड़ की संचालिका डॉ. अलका राय मऊ से सांसद बनना चाहती थी। उसने अपना राजनीतिक सफर राम मंदिर आंदोलन से शुरू किया था। इस दौरान वह तीन साल की बेटी के साथ जेल भी गई थी। भाजपा में यहीं से उसके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। एंबुलेंस प्रकरण में बाराबंकी पुलिस को दिए गए साफ-साफ बयान भी काम नहीं आए और पुलिस उसे सोमवार रात पूछताछ के नाम पर लेकर चली गई। फिलहाल वह भाई शेषनाथ राय के साथ जेल की सलाखों के पीछे है।
डॉ. अलका राय का राजनीतिक सफर 1992 में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से शुरू हुआ था। वह गौतमबुद्धनगर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) की लगातार दो बार अध्यक्ष रही थी। साथ ही भाजपा से भी जुड़ गई थी। पूर्व केंद्रीय पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा हमेशा उनके साथ रहे। 2002 में वह नोएडा छोड़कर मऊ चली आई। डॉ. अलका ने मऊ के भीटी में किराये की इमारत लेकर अस्पताल शुरू किया। धीरे-धीरे भाजपा के लोगों से जुड़ी और सियासी रूप से सक्रिय होने लगी।
2012 विधानसभा चुनाव में उसे भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे का मौका मिला था, लेकिन यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि लोकसभा चुनाव लडऩा है। 2014 लोकसभा चुनाव के लिए उसने काफी तैयारियां कीं लेकिन सफलता नहीं मिली। पार्टी ने यहां से हरिनारायण राजभर को उम्मीदवार बनाया और वह जीतकर सांसद भी बने। 2019 में डॉ. अलका ने एक बार फिर लोकसभा सीट के लिए दावेदारी की लेकिन निराशा ही हाथ लगी। हालांकि पार्टी ने उसकी सक्रियता को देख बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। साथ ही भाजपा गोरक्ष प्रांत की महिला मोर्चा का महामंत्री बना दिया।