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क्या कोरोना का कैरियर बनेगी ट्रेनों की भीड़?

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. दिल्ली, मुम्बई सहित अन्य औद्योगिक नगरों से आ रही विशेष ट्रेनों की भीड़ में कोरोना से बचाव के सभी मानक तार-तार हो रहे हैं। यदि इस पर रेलवे और प्रशासन लगाम लगाने की व्यवस्था शीघ्र नहीं करेगा तो कोविड के संक्रमण की रफ्तार बढ़ना तय है। भीड़ प्रमुख कारण तीन दिन बाद से लगन का शुरू होना है। लोगों के घर, नात-रिश्तेदारियों में शादियां हैं, उसमें सपरिवार शामिल होना है, इसके चलते जान हथेली पर रखकर लोग गांव आने को विवश हैं। इसके अलावा लॉकडाउन के डर से भी लोग लौटने लगे हैं।

‘गाजीपुर न्यूज़ टीम' ने मंगलवार को परदेश से आने वाली ट्रेन की बोगी में पहुंचकर यात्रियों की स्थिति को नजदीक से देखा। इस दौरान कोरोना के सभी मानक तार-तार होते पाये गये। आलम यह था कि एक सीट पर रिजर्वेशन के अलावा दो से तीन लोग बैठे थे, वहीं कई लोग आस-पास खड़ा होकर यात्रा कर रहे थे। महिला व बच्चों के साथ भारी भरकम सामान लिए लोग एक सीट पर पूरा परिवार सहित बैठकर 24 से 48 घंटे का सफर तय कर रहे हैं।


ऐसे में न तो सामाजिक दूरी के मानक का पालन हो रहा है और न ही बार-बार हाथ धुलने, सेनेटाइज करने की व्यवस्था, कुल मिलाकर कोरोना से बचाव के सभी मानक तार-तार हो रहा है। बाथरूम आदि की स्थिति यह है कि जहां से ट्रेन चली होगी वहीं सेनेटाइज हुआ होगा, रास्ते में सेनेटाइजेशन का कहीं अता-पता नहीं है। हां यह जरूर है कि यात्रियों में अधिकांश लोग मास्क लगाए थे, लेकिन केवल मास्क कोरोना से बचाने में कितना कारगर होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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