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बेटी का छूटा साथ तो दूसरों का जीवन संवारने लगे अनवर, मुफ्त में कर रहे सेवा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. डेढ़ साल की बेटी मरियम का साथ छूटा तो उसके लिए संजोए गये सैकड़ों सपने जैसे बिखर गये। हालांकि खुद को संभाला और सोचा कि अपनी बेटी का जीवन नहीं बचा सके तो क्या। कम से कम दूसरों का जीवन ही बचाया जाए। ढाई महीने पहले शुरुआत की, एक एंबुलेंस ली और शुरू कर दिया नि:शुल्क सेवा कार्य। अब जब कोरोना संकट में लोगों को ऑक्सीजन के लिए जूझना पड़ रहा है, जैसे ही उन्हें सूचना मिलती है तो वे उसकी मदद कर रहे हैं।  

हम बात कर रहे हैं पहड़िया के निकट अशोक विहार फेज-1 के कॉलोनी निवासी अनवर हुसैन की। इस संकट के काल में जब दवाइयों और ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकना पड़ रहा है, तब जरूरतमंदों के लिए अनवर मददगार बने हैं। बिना किसी लाभ के वह लोगों तक सेवाएं पहुंचा रहे हैं। जहां अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस संचालक मुनाफाखोरी पर उतारू हैं, वहां बिना एक रुपये लिये वह लोगों को अस्पताल तक पहुंचवा रहे हैं। 


अब तक इनकी मदद कर बचाई जान

अर्दलीबाजार में इम्तियाज खान की तबीयत बिगड़ी, आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत पड़ी तो नहीं मिला। देवी सिंह को आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया। सथवां के राधेश्याम सिंह, अमनपुरी कॉलोनी के इम्तियाज हुसैन, एपेक्स हॉस्पिटल में एक मरीज को, श्रीनगर कॉलोनी में देवराज सिंह, फ्रेंड्स कॉलोनी में जीवन से जूझ रही एक महिला को सिलेंडर मुहैया कराया। बताया कि सभी लोग घर पर ही इलाज करा रहे हैं। सही समय पर ऑक्सीजन मिलने के बाद सभी ठीक हैं।


आज मंगाएंगे 20 हजार घंटे ऑक्सीजन देने वाली मशीन

अनवर ने बताया कि ऑक्सीजन किल्लत को देखते हुए बेटी के नाम पर वह एक मशीन मंगवा रहे हैं, जो 20 हजार घंटे तक ऑक्सीजन जेनरेट करने में सक्षम है। इससे अन्य मरीजों को राहत दिलाएंगे।


गोद ली थी बेटी, अब भी वही सब-कुछ

अनवर ने बताया कि उनके कोई बच्चे नहीं हैं। इसके लिए पत्नी का इलाज चल रहा था। इस बीच प्रयागराज में एक परिवार में गरीब परिवार की नवजात की मां की मौत के बाद बच्ची को गोद लिया। नाम रखा मरियम सिद्दीकी। एक साल तक वह स्वस्थ थी। फिर पता चला कि उसे असाध्य रोग है। यहां ठीक न होने पर एक साल पहले उसे लेकर दिल्ली जा रहे थे। नोएडा के पास बच्ची ने गोद में दम तोड़ दिया। इसके बाद लगा कि सबकुछ खत्म हो गया। छह माह तक कुछ नहीं किया। फिर ढाई माह पहले बेटी के नाम पर मरियम फाउंडेशन बनाकर लोगों की नि:शुल्क सेवा करने की ठानी। 


एक अपील भी, एक-दूसरे के काम आएं 

अनवर कहते हैं, पहले इंसानियत है फिर दुनियादारी। इसलिए आइये साथ मिलकर एक-दूसरे का हौसला बनें। आज के दौर में जब एक-दूसरे की मदद के लिए लोग कतरा रहे हैं तो हमें आगे आना होगा। इस संकट के दौर में मदद करना सबसे बड़ी मानवीयता होगी।

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