अटल पेंशन योजना के पैसे पर भी लगेगा इनकम टैक्स? 60 से पहले मृत्यु होने पर मिलेगा इतना पैसा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सबसे पहले तो हम ये जान लेते हैं कि अटल पेंशन योजना क्या है. मोदी सरकार ने 60 वर्ष की उम्र पूरी करने के बाद वरिष्ठ नागरिकों को गारंटीड मासिक पेंशन देने के लिए इस योजना को पेश किया था. इस योजना में आप 18 साल से 40 साल की उम्र तक योजना में प्रवेश कर सकते हैं और 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद आपको सरकार की ओर से 1,000 से 5,000 रुपये मासिक तक की गारंटीड पेंशन मिलेगी.
सरकार ने इस योजना को विशेष तौर पर गरीब लोगों के 60 वर्ष की आयु के बाद गारंटीड आय देने के लिए शुरू किया था. इस योजना में सरकार भी 5 साल तक आपके अंशदान के 50% के बराबर की राशि या 1,000 रुपये सालाना जमा करती है, इसमें जो भी राशि कम होगी वो. ये राशि भी सिर्फ उन लोगों को मिलती है तो इनकम टैक्स नहीं देते हैं और सरकार की किसी और सामाजिक सुरक्षा योजना के लाभार्थी नहीं है. गारंटीड रिटर्न देने के लिए इस पूरे पेंशन योजना का प्रबंधन पेंशन फंड रेग्यूलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) को दिया गया है
अगर आपकी उम्र अभी 30 साल है और 60 साल की उम्र के बाद आपको 5,000 रुपये महीने की पेंशन चाहिए तो आपको अगले 30 साल तक लगभग 577 रुपये महीने का निवेश करना होगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए आधार से केवाईसी कराना होता है. अगर आपके पास रजिस्ट्रेशन के वक्त आधार नहीं है तो आप बाद में इसे दे सकते हैं.
मान कर चलते हैं कि आपने इस पेंशन योजना के लिए सब्सक्राइब किया है. लेकिन दुर्भाग्यवश 50 वर्ष की आयु में आपकी मृत्यु हो जाती है. तो ये पेंशन योजना आपके नॉमिनी को स्वत: ट्रांसफर हो जाएगी. लेकिन इस स्थिति में आपके नॉमिनी के पास क्या विकल्प है, क्या उसे ये पैसा पूरा मिलेगा या वो इसे आगे कंटीन्यू कर सकता है.
माय मनी मिंत्रा के फाउंडर खोसला बताते हैं कि अटल पेंशन योजना के पेंशनर की मृत्यु अगर 50 की उम्र में होती है तो उसका नॉमिनी इसे अगले 10 साल तक अपने नाम पर ट्रांसफर कराकर चला सकता है. इस तरह 60 वर्ष की आयु तक अटल पेंशन योजना की अवधि को पूरा कर सकता है और उसके बाद गारंटीड पेंशन का लाभ उठा सकता है. लेकिन यदि नॉमिनी एक साथ पैसा निकालना चाहता है तो उसे इसकी भी छूट है, लेकिन इस स्थिति में उसे बाद में मासिक पेंशन नहीं मिलेगी.
राज खोसला बताते हैं कि पेंशन का लाभ पाने वाले व्यक्ति की पेंशन से आय को इनकम टैक्स के दायरे में माना जाएगा. ऐसे में उसकी आय के हिसाब से जिस भी स्लैब का इनकम टैक्स बनता होगा, उसे उतना ही इनकम टैक्स देना होगा.