ऊर्जा मंत्री बोले - प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत निगम की स्थिति दयनीय
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड-19 एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने योजना के तहत बिल संशोधन की कार्रवाई में ढिलाई पर नाराजगी जताई। कहा कि उपभोक्ता की शिकायत पर तत्काल जांच कर बिल ठीक किया जाए। कहा कि सभी पात्र उपभोक्ताओं को योजना का लाभ मिले यह सुनिश्चित हो। उन्होंने यह भी कहा कि योजना को प्रगति को एमडी व डायरेक्टर्स की परफॉर्मेंस से भी जोड़ा जाएगा। कहा कि यूपीपीसीएल एमडी प्रतिदिन डिस्कॉम का एनर्जी ऑडिट करें। मालूम हो कि वाराणसी में भी ओटीएस की धीमी स्थिति पर ऊर्जा मंत्री पहले भी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि ओटीएस में दक्षिणांचल डिस्कॉम की कुल प्रगति 20.39फी, मध्यांचल की 17.25फी, पूर्वांचल की 15.75फी, पश्चिमांचल की 35.29 फीसद व केस्को की 57.40 फीसद है। जबकि योजना समाप्त होने वाली है। अधिक से अधिक उपभोक्ताओं तक योजना के माध्यम से डिस्कॉम की पहुंच अभी तक सुनिश्चित नहीं की जा सकी है। उन्होंने यूपीपीसीएल चेयरमैन से सभी डिस्कॉम की प्रगति की समीक्षा व जवाबदेही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि हर एक उपभोक्ता को योजना का लाभ मिल जाये यह डिस्कॉम एमडी उपकेंद्रवार सुनिश्चित करें। एक लाख से अधिक के बकायेदार उपभोक्ताओं के दरवाजे जरूर खटखटाये जाएं। अधिकारी उपभोक्ताओं को ओटीएस में पंजीकरण के लिए प्रेरित करें। उपकेंद्र पर काम कर रहे हर एक काॢमक को जिम्मेदारी दी जाए। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई न हो। 1912 के माध्यम से भी उपभोक्ताओं को ओटीएस के लाभ बताएं। किसी भी उपभोक्ता का उत्पीडऩ स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने यूपीपीसीएल एमडी को निर्देशित किया कि मुख्यालय पर लंबे समय से टिके अधिकारियों के संबंध में स्थानांतरण नीति के तहत कार्रवाई करें। डिस्कॉम मुख्यालयों पर भी यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यालय का वर्क कल्चर बदला जाए। हर एक अधिकारी की परफॉर्मेंस उसे दिए गए काम के आधार पर तय हो। सभी को जवाबदेह बनाया जाए। कहा कि होली में निर्बाध विद्युत आपूॢत भी सुनिश्चित हो, इसके लिए भी अधिकारी आवश्यक व्यवस्थाएं कर लें। कहीं भी किसी भी प्रकार की कमी न रहे।