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जानिए अब तक किस-किस जिले में जारी हो गई आरक्षण सूची, सीटों में कितना हुआ बदलाव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. पंचायत चुनाव के लिए मैनपुरी, बलिया, मिर्जापुर, लखीमपुर खीरी, कानपुर, महोबा और गाजियाबाद जिले में अब तक नई आरक्षण सूची जारी हो गई है। नई आरक्षण सूची के मुताबिक ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत सदस्य, बीडीसी पदों में काफी बदलाव हुआ है। 

बलिया में ग्राम प्रधान की 320 सीटें अनारक्षित

कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानते हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की नई आरक्षण सूची शनिवार की सुबह बलिया में जारी कर दी गयी। विकास भवन पर सूची चस्पा होने की भनक लगते ही लोगों की भीड़ जमा हो गयी। नई सूची के बाद कई ग्राम सभाओं, जिला पंचायत सदस्यों व ब्लाक प्रमुखों की स्थिति बदल गयी है। ग्राम पंचायतों की संख्या 940 है। इनमें सामान्य के लिए 320, महिला के लिए 153, पिछड़े वर्ग की 167, पिछड़ा महिला की 91, अनुसूचित जाति की 100, अनुसूचित महिला की 56, अनुसूचित जनजाति की 34 तथा अनुसूचित जनजाति महिला के लिए 19 सीटें आरक्षित हैं।


कानपुर में  विकास दुबे के गांव बिकरू की सीट अब एससी के खाते में गई

 कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गांव बिकरू की ग्राम पंचायत का प्रतिनिधित्व अब एससी वर्ग का प्रधान करेगा।  पिछले चुनाव में यहां से विकास के छोटे भाई दीपप्रकाश की पत्नी अंजली दुबे निर्विरोध चुनी गईं थीं। अनारक्षित होने के बावजूद किसी भी व्यक्ति ने इस सीट पर दावेदारी नहीं दिखाई थी।  

इससे पहले दो मार्च को जारी आरक्षण सूची में यह सीट ओबीसी कोटे में गई थी। इसी बिकरू कांड में भीटी ग्राम पंचायत का भी नाम खूब उछला। विकास का दबदबा और दहशत होने के चलते यहां उसके खास विष्णुपाल सिंह के खिलाफ किसी ने चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई थी। इस बार भीटी ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। जबकि 2 मार्च वाले आरक्षण में यह ओबीसी वर्ग के लिए थी। पूरे शिवराजपुर ब्लॉक में सिर्फ बिकरू और भीटी ग्राम पंचायतों के प्रधान निर्विरोध निर्वाचित हुए जबकि अन्य जगह मतदान हुआ था।


महोबा में जानें क्या हुआ परिवर्तन:


नए सिरे  से आरक्षण के बाद सूची जारी कर दी गई है। सूची जारी होने के बाद कई सीटें बदल गई हैं जिला पंचायत व ब्लाक प्रमुख की सीटों पर सबसे ज्यादा लोग नजर बनाए हुए थे। जिला पंचायत सदस्य की 14 सीटों में से 5 सीटें अनारक्षित रखी गई हैं जबकि पिछड़े वर्ग के लिए 2 सीटें व एक पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित की गई है। अनुसूचित जाति के लिए 2 सीटें आरक्षित हैं जबकि 1 अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित की गई है ।एक सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है। जिले के 4 ब्लॉकों का आरक्षण भी घोषित कर दिया गया है। जिसमें से कबरई ब्लाक को अनारक्षित , पनवाड़ी को  अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। जैतपुर पिछड़ा वर्ग  व चरखारी  पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित है  चारों  विकास खंडों की 273 ग्राम पंचायतों का भी आरक्षण  घोषित होने के बाद दावेदारों में नए सिरे से चुनाव की तैयारियां  शुरू कर दी हैं  आरक्षण में इस बार   महिलाओं के हिस्से में  अच्छी खासी सीटें आई हैं जिससे  जिले में राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं का दबदबा रहेगा । जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट भी अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित की गई है।  आरक्षण घोषित होने के बाद कई दावेदार दोबारा से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में जुट गए हैं


मैनपुरी में भी कई बदलाव : 

शनिवार को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह के निर्देश पर जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष और ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ ग्राम प्रधानों के पदों का आरक्षण जारी कर दिया गया। आरक्षण की सूची जारी होते ही दावेदारों की भीड़ ब्लॉकों में चस्पा किए गए आरक्षण को जानने के लिए पहुंच गई। जिला पंचायत की 30 और प्रधानों के 549 पदों के लिए 2015 के आधार पर चक्रानुक्रम पद्धति से आरक्षण जारी किया गया है। इसी पद्धति का इस्तेमाल अन्य पदों के लिए भी हुआ है।


लखीमपुर खीरी में रात दो बजे जारी हुई लिस्ट :

लखीमपुर खीरी में जिला प्रशासन ने देर रात करीब दो बजे आरक्षण जारी किया है। आरक्षण जारी होते ही कई उम्मीदवारों की गणित गड़बड़ा गई है। पिछला आरक्षण जारी होने के बाद उन्होंने चुनाव की तैयारियां पूरी कर ली थी, प्रचार भी शुरू कर दिया था लेकिन अब नए सिरे से जारी आरक्षण में उनकी सीट बदल गई है इससे मायूसी नजर आ रही है वहीं ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य की सीटें नए सिरे से आरक्षित होने से कई उम्मीदवारों को मौका मिल गया है, उनमें खुशी की लहर है और अब चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। 

 
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