अब उत्तर प्रदेश के हर जिले होगा मेडिकल कॉलेज, योगी सरकार की तैयारी तेज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्रदेश में जल्द ही हर जिले में मेडिकल कालेज होगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है। वर्ष 2017 तक जहां 12 मेडिकल कालेज थे, वहीं अब 30 मेडिकल कॉलेज बन कर तैयार हो गए हैं और जल्दी ही 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। कहना गलत न होगा कि प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की यह रफ्तार वर्ष 2017 की तुलना में 250 फीसदी की छलांग के साथ आगे बढ़ रही है।
कोरोना प्रबंधन को ही लें जब पिछले साल प्रदेश में कोरोना महामारी ने पैर फैलाने शुरू किए, तब तक प्रदेश में मात्र एक ही ऐसी लैब थी, जहां कोरोना की जांच हो सकती थी। इसे बखूबी समझते हुए सरकार ने प्रदेश भर में टेस्टिंग लैब का जाल बिछा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डा. रजनीश दुबे और उनकी टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद न केवल कोरोना के लिए विशेष अस्पतालों की व्यवस्था की बल्कि आक्सीजन की कमी को दूर करते हुए वेंटिलेटर युक्त अस्पताल तैयार करवाए। साथ ही मेडिकल कालेजों के निर्माण में तेजी लाई गई।
केंद्र की नरेंद्र मोदी और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज बनाने की ओर अग्रसर है। वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में 12 मेडिकल कालेज थे, वहीं अब 30 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई है। इनमें से 7 मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई शुरू कर दी गई है। वहीं 16 जिलों में बजट में पीपीपी माडल पर मेडिकल कालेजों के निर्माण की प्रक्रिया जारी है। यूपी में करीब 1000 से ज्यादा एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई गई हैं। इससे प्रदेश में जहां 3500 की आबादी पर एक डाक्टर का अनुपात हो गया है। वहीं अन्य प्रदेशों में इससे हालात कहीं खराब हैं। वहीं केजीएमयू में प्रदेश का पहला इंटीग्रेटेड स्पाइन सेंटर एवं मेडिकल कॉलेज बनाया गया। इसी के साथ 47 जिलों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा शुरू की गई और 56 चिकित्सालयों में निःशुल्क सीटी स्कैन की सुविधा की गई।
