देश में पार्टी नहीं, कंपनियों की सरकार: राकेश टिकैत
गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. भारतीय किसान यूनियन ‘टिकैत गुट’ के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि देश में किसी पार्टी की सरकार नहीं है। यहां कंपनियों की सरकार चल रही है। अगर किसी पार्टी की सरकार होती तो निश्चिततौर पर ऐसा कानून नहीं आता। टिकैत रविवार को प्रयागराज आए। पश्चिम बंगाल से रीवा जाने के दौरान उन्होंने प्रयागराज में पत्रकारों से बातचीत की।
झलवा स्थित पार्टी के जिला उपाध्यक्ष के आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन लंबा चलेगा। सरकार से कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। अभी भी दिल्ली सीमा पर किसान बड़ी संख्या में मौजूद हैं। जब तक कृषि बिल वापस नहीं होगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून नहीं बनेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि बंगाल में वोटरों से एक मुट्ठी चावल मांगा जा रहा है। अपने पश्चिम बंगाल के दौरे में उन्होंने किसानों से अपील की है कि चावल देते वक्त यह जरूर मांग रखें कि इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून भी बना दें। उन्होंने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1850 रुपये करने की मांग रखी। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने के लिए उन्होंने देश व्यापी दौरा शुरू किया है। इस क्रम में पश्चिम बंगाल, प्रयागराज, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक आदि देश के तमाम हिस्सों में जाना हैं।
राकेश टिकैत ने कहा कि जो कानून बन रहे हैं उससे साढ़े चार करोड़ छोटे व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे। साप्ताहिक बाजार बंद हो जाएंगे। आज एयरपोर्ट, एलआईसी और बैंक जैसे उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। सरकार कंपनियां चला रही हैं, पार्टी नहीं। सरकार कह रही है न्यूनतम समर्थन मूलय पर कानून बनाने से व्यापारी को नुकसान हो जाएगा। यह आंदोलन सर्दी तक चलने की उम्मीद है। पश्चिम बंगाल के लिए उन्होंने यह जरूर कहा कि भाजपा को वोट न दें। लेकिन 2022 के उत्तर प्रदेश के आम चुनाव पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम राजनीतिक लोग नहीं है। यह आंदोलन है। अगर सरकार हमारी मांगें मानती है तो हम समर्थन भी कर सकते हैं, यह उस वक्त की बात होगी। इस यात्रा का मूल उद्देश्य देश भर के किसानों को आंदोलन से जोड़ना है। क्योंकि आंदोलन लंबा चलेगा, ऐसे में जगह-जगह बैरियर तोड़ने होंगे। किसानों को एक जुट करना होगा और एक बड़ा आंदोलन खड़ा करना होगा।
दाल रोटी वालों को फंडिंग की जरूरत नहीं
किसान आंदोलन को फंडिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि फंडिंग की जरूरत नहीं है। आंदोलन में किसान हैं, दाल रोटी खाने वाले। उन्हें फंडिंग की जरूरत क्या है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि कनाडा से फंडिंग हो रही है इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि जो बच्चे विदेश में रह रहे हैं और अपने माता-पिता को पैसा भेजते हैं उसे विदेश से फंडिंग का नाम दिया जा रहा है।