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नीता अंबानी जल्द ही बीएचयू में पढ़ाएंगी महिला अध्ययन का पाठ, सामाजिक विज्ञान संकाय ने भेजा प्रस्ताव

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. रिलांयस फाउंडेशन की अध्यक्ष और रिलांयस इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक नीता अंबानी जल्द ही बीएचयू में महिला अध्ययन का पाठ पढ़ाएंगी। उन्हें बीएचयू के महिला अध्ययन और विकास केंद्र में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का प्रस्ताव भेज दिया गया है, जिस पर पूर्व में उनकी मौखिक सहमति भी बन चुकी है।  

बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से 12 मार्च अर्थात बीते शुक्रवार को यह प्रस्ताव दिया गया है, जिसमें उन्हें बनारस सहित पूर्वांचल भर में महिलाओं का जीवनस्तर सुधारने के लिए बीएचयू से जुडऩे का आग्रह किया गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की पत्नि नीता ने मुंबई विश्वविद्यालय से बीकॉम किया है और उन्हें वर्ष 2014 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कार्यकारी निदेशक बनाया गया। उन्होंने वर्ष 2010 में रिलायंस फाउंडेशन का गठन किया था। इस तरह से एक महिला उद्यमी होने के नाते नीता को बीएचयू के महिला अध्ययन और विकास केंद्र में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।

मालूम हो कि बनारस सहित पूर्वांचल भर में उनके फाउंडेशन का कोई कार्य अब तक नहीं पहुंच पाया है। अब वह बीएचयू के माध्यम से पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश में महिला उद्यम को बढ़ावा देंगी। बीएचयू में व्याख्यान के अलावा उनके माध्यम से कार्यशाला और प्रशिक्षण भी दिलावाया जाएगा।

केंद्र की समन्वयक प्रो. निधि शर्मा ने बताया कि महिला उद्यम, सामाजिक समस्याओं और महिला सहानभूति के क्षेत्र में नीता अंबानी का नाम विश्व स्तर पर लिया जाता है। उनके द्वारा किए जा रहे बेहतर कार्यों की तकनीक बीएचय से लगायत पूरे पूर्वांचल के गांव-गांव में  पहुंचनी जरूरी है। प्रो. शर्मा के अनुसार नई शिक्षा नीति के तहत छात्र-छात्राओं को उद्यमिता से जोडऩा भी शैक्षणिक संस्थाओं का एक उददेश्य बन गया है, जिसे वह नीता अंबानी के व्यापारिक अनुभवों से जोड़ा जा सकता है। मालूम हो कि नीता अंबानी ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 'हर सर्किल नाम से एक इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म लांच किया है। जिसके तहत महिलाओं का सशक्तिकरण किया जाएगा।

नीता अंबानी के किए गए कार्यों का लाभ बीएचयू के भी अध्येताओं को मिले

नीता अंबानी के किए गए कार्यों का लाभ बीएचयू के भी अध्येताओं को मिले, इस बाबत उनसे यहां पर अपना शैक्षणिक योगदान देने की मंशा जाहिर की गई, जिसे उन्होंने मौखिक तौर पर स्वीकारा भी है।- प्रो. कौशल किशोर मिश्रा, डीन, सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय

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