नीता अंबानी को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का प्रस्ताव रद करने की मांग, धरने पर बैठे छात्र
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बीएचयू के छात्र नीता अंबानी सहित पूंजीपतियों को विजिटिंग प्रोफेसर बनाने के मुद्दे पर अब आंदोलित हैं। छात्र कुलपति आवास का घेराव कर मंगलवार को धरने पर बैठ गए। छात्रों का आरोप है कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लोग सरकार के इशारे पर पूंजीपतियों के हाथ में इस विश्वविद्यालय को सौंपने की षड्यंत्र कर रहे हैं। यह होने नहीं दिया जाएगा। जब तक प्रस्ताव रद्द नहीं किया जाता तब तक वह इस मामले के विरोध में आवाज बुलंद करते रहेंगे।
इस मुद्दे को लेकर बीएचयू के कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन समेत उच्चाधिकारियों को वीसी लाज बुलाया है, जहां इस पर बैठक चल रही है। अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही छात्रों को इस बैठक के निष्कर्षों से छात्रों अवगत कराया जाएगा। वीसी लाज पर करीब 50 छात्र जुटकर नीता अंबानी, ऊषा मित्तल और प्रीति अडानी का विरोध करते हुए उन्हें विजिटिंग प्रोफेसर का पद न दिए जाने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे। वीसी लाॅज के साथ ही इंटरनेट मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर छात्र मुखर बने हुए हैं।
यह था मामला
बीते दिनों रिलांयस फाउंडेशन की अध्यक्ष और रिलांयस इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक नीता अंबानी को बीएचयू में महिला अध्ययन का पाठ पढ़ाने का दायित्व देने की तैयारी शुरू की गई थी। उन्हें बीएचयू के महिला अध्ययन और विकास केंद्र में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का प्रस्ताव भी भेजा जा चुकाहै, जिस पर पूर्व में ही उनकी मौखिक सहमति की वजह से प्रस्ताव तैयार करके आगे बढ़ा भी दिया गया था। बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय की ओर से 12 मार्च को यह प्रस्ताव दिया गया था। उन्हें बनारस सहित पूर्वांचल भर में महिलाओं का जीवनस्तर सुधारने के लिए बीएचयू में शिक्षण प्रशिक्षण से जुडऩे का आग्रह किया गया था। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी ने मुंबई विश्वविद्यालय से बीकॉम किया है और उन्हें वर्ष 2014 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का कार्यकारी निदेशक बनाया गया था.