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बैंक से नहीं अब सीधे मिलेगी अनुदान की रकम, बैंक के चक्‍कर लगाने से म‍िलेगी राहत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की ओर से पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बैंक के बजाय सीधे लाभार्थियों को अनुदान देने का निर्णय लिया है। यही नहीं ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र में भी ग्रामोद्याेग को बढ़ाने के लिए अनुदान मिलेगा। पहले चरण में मिट्टी कला, अगरबत्ती बनाना और कागज उद्योग के साथ मधुमक्खी पालन को इस नई योजना से जोड़ा गया है। लखनऊ समेत सूबे के हर जिले में अनुदान मिलेगा। नए वित्तीय वर्ष में इसका लाभ मिलने लगेगा।

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सहायक निदेशक एके मिश्रा ने बताया कि प्रजापति समाज को सोलर चाक के साथ ही विद्युत चालित चाक देकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। अमेठी व रायबरेली में प्रशिक्षण के साथ चाक का वितरण किया गया है। सूबे के हर जिले में समितियां बनाकर अनुदान दिया जाएगा। बैंक के बजाय सीधे विभाग की ओर से मिलने वाले अनुदान से पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। जरूरत मंदों को बैंकों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ेंगे। बुंदेलखंड में कलस्टर बनाकर अनुदान खिलौना बनाने के उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है।


गरीब कल्याण रोजगार योजना

खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की इस नई योजना को गरीब कल्याण रोजगार योजना का नाम दिया गया है। सभी जिलों में इसे लिए लक्ष्य दिए जाएंगे। कुल लागत का 25 से 80 फीसद तक अनुदान मिलेगा। अनुसूचित जाति को कुल लागत का 10 फीसद रकम अंशदान के रूप में जमा करनी होगी और 90 फीसद अनुदान मिलेगा। सहायक निदेशक एमके निगम ने बताया कि इस योजना से गरीबों को अधिक लाभ दिया जाएगा। समूह को प्राथमिकता दी जाएगी।


'खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग हर गरीब को रोजगार देकर उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करना चाहता है। केंद्र सरकार की पहल पर सीधे गरीबों तक योजना का लाभ देने के लिए बिना बैंक के सीधे अनुदान देने का निर्णय लिया गया है। इससे सूबे के आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं और कारीगरों को फायदा होगा।'      -डीएस भाटी, राज्य निदेशक, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग

 
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