Ghazipur: कई वर्षों से खुद बीमार है जिला महिला अस्पताल ग़ाज़ीपुर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जिला मुख्यालय सहित जिले के सात तहसील के सैकड़ों गांवों की सेहत का जिम्मा संभाल रहे गाजीपुर का जिला महिला अस्पताल बीते कई वर्षों से खुद बीमार पड़ा है। यहां इमरजेंसी विशेषज्ञ डॉक्टरों के तीन पद बीते आठ साल से खाली पड़ा है। इतना ही नहीं 100 बेड के इस अस्पताल में 15 चिकित्सकों में केवल पांच चिकित्सकों की तैनाती है।चौंकाने वाली बात तो यह है कि केवल महिलाओं की बीमारी का उपचार करने को अस्पताल में केवल एक महिला चिकित्सक की तैनाती है। ऐसे में न तो इमरजेंसी में मरीजों को उपचार मिल पा रहा है न ही ओपीडी में। डॉक्टरों की कमी के चलते छोटी-छोटी बीमारी के उपचार के लिए बाहर जाना लोगों की मजबूरी बना हुआ है।
गाजीपुर सदर के अलावा मुहम्मदाबाद, सेवराई, सैदपुर, कासिमाबाद, जखनिया, जमानिया तहसील के 16 ब्लाकों के 1238 ग्राम सभा में रहने वाली महिलाओं के लिए बेहतर उपचार के लिए बना जिला महिला अस्पताल खुद अपने बेहतर उपचार की बाट जोह रहा है। इस अस्पताल में न तो इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के उपचार के लिए कोई इमरजेंसी चिकित्सक है न ही महिलाओं के इलाज के लिए विशेषज्ञ महिला चिकित्सक। अस्पताल में बेहतर उपचार के लिए सीएमएस सहित 15 चिकित्सकों का पद स्वीकृत है।
वर्तमान में इसके सापेक्ष सीएमएस डॉ. तारकेश्वर, डॉ. एसके सिंह, डॉ. गुलाब सिंह, बेहोशी के चिकित्सक डॉ. एसके सिंह तथा संविदा महिला चिकित्सक डॉ. नीरज कुमारी की तैनाती है। वहीं तीन इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर की तैनाती बीते आठ साल से नहीं हो सकी है। दूसरे चिकित्सकों की कमी के चलते ओपीडी में प्रतिदिन आने वाली 200 से ज्यादा महिला मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है। इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर न होने से रात के समय पहुंचने वाली महिला मरीजों का इलाज भगवान भरोसे हो रहा है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के चलते गंभीर रोगियों को हायर सेंटर रेफर करना अस्पताल प्रशासन की मजबूरी बना हुआ है।
इस बाबत सीएमएस डॉ. तारकेश्वर का कहना है कि चिकित्सकों की कमी के चलते परेशानी तो उठानी पड़ रही है, लेकिन मौजूद चिकित्सकों से बेहतर चिकित्सीय सुविधा बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं ईएमओ तथा दूसरे चिकित्सकों की तैनाती को लेकर कई बार पत्र शासन को लिखे जाने की बात कही।
हर माह मात्र चार सीजर प्रसव
अस्पताल में कम चिकित्सकों के चलते हर माह सीजर की स्थिति में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में हर माह केवल तीन से चार सीजर प्रसव अस्पताल में हो रहा है। रिक्त पदों को देखें तो अस्पताल में तीन ईएमओ के अलावा दो वरिष्ठ परामर्शदाता, परामर्शदाता के तीन पद, रेडियोलॉजिस्ट का एक पद, पैथालॉजिस्ट का एक पद तथा एनेस्थेस्टि का एक पद रिक्त है।