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Ghazipur: खेतों के बजाय सड़क पर तय होगा किसानों का भाग्य : राकेश टिकैत

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. राष्ट्रीय किसान संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष व किसान आंदोलन के मुखिया राकेश टिकैत ने कहा कि अब किसानों का भविष्य संसद में नहीं सड़क पर तय होगा। आंदोलन को और धार देने के लिए मैं पूर्वांचल में आया हूं। धैर्य की परीक्षा ले रही सरकार को किसान आंदोलन महंगा पड़ेगा। वह बुधवार को बलिया किसान महापंचायत में जाते समय जनपद में जगह-जगह स्वागत समारोह के साथ ही जिला मुख्यालय पर राही पर्यटक में पत्रकारों से रूबरू थे।

किसान नेता ने कहा कि यह वैचारिक क्रांति है। जब विचार से क्रांति होती है तो वह समाप्त नहीं होता। इस आंदोलन से अब पूरा देश जुड़ गया है। दावा किया कि नए कृषि कानूनों के वापस न होने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा। पूर्वांचल के किसानों का आह्वान किया कि वे आंदोलन के साथ जुड़ें और समस्याओं को समझें। पूर्वांचल और बिहार से तमाम बड़े आंदोलन हुए हैं। राजनीतिक पार्टियों से जुड़े एक सवाल पर टिकैत ने कहा कि उनको किसानों का साथ देना चाहिए। विपक्ष की मजबूती को देश की जरूरत बताया। कहा, पूरे देश के साथ पूर्वांचल के किसान भी सरकार के नए कृषि नीति के खिलाफ सड़कों पर उतरने को बाध्य हो गए हैं। मैं किसान आंदोलन को पूर्वांचल में और धार देने आया हूं। कहा कि सरकार अगर बातचीत को बुलाती है तो हम तैयार हैं, बशर्ते जो बातचीत करे उसे पूरा अधिकार देकर भेजा जाए।


गाजीपुर में पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह के नेतृत्व में उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर सपा जिलाध्यक्ष रामधारी यादव, युद्धवीर सिंह, दुर्गा चौरसिया, आमिर अली, दीपक सिंह, अमित सिंह आदि रहे।


सिधौना से बलिया बार्डर तक स्वागत, अनुज के घर भोजन

खानपुर : किसान आंदोलन के मुखिया राकेश टिकैत के वाराणसी से बलिया जाते समय जगह-जगह जोरदार स्वागत किया गया। जिले में प्रवेश करते ही उनके उपर सिधौना में कमलेश यादव के साथ दर्जनों लोगों ने फूल मालाओं की वर्षा शुरू कर दी। सैदपुर, नंदगंज में भी स्वागत हुआ। राकेश टिकैत भुतहिया टांड स्थित होटल पहुंचे तो यहां पहले से दर्जनों सपा कार्यकर्ता मौजूद रहे। कासिमाबाद तहसील के बहराइच गांव निवासी अनुज सिंह (भाकियू प्रयागराज के जिलाध्यक्ष) के घर पर भी गए। वहां पर करीब एक घंटा रुके और खाना खाकर बलिया के लिए निकल गए। यहां भी स्वागत किया गया। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की गई।

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