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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में युद्ध कौशल सीखेगी प्रियंका वाड्रा की फौज

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. खुद को अन्य विपक्षी दलों की तुलना में मजबूत मानकर चल रही कांग्रेस की रणनीति अब सत्ताधारी भाजपा से ही सीधे टक्कर लेने की है। धरना-प्रदर्शन और आंदोलनों से इतर वैचारिक रूप से संगठन को मजबूत करने की मुहिम शुरू होने जा रही है। राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा अपनी फौज को युद्ध कौशल सिखाने की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ यानी गोरखपुर से करने जा रही हैं, जहां 13 और 14 मार्च को 155 ब्लॉक अध्यक्षों का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा जमकर पसीना बहा रही हैं। हर मुद्दे पर सड़क पर उतरकर सक्रियता का संदेश दे रही हैं। संगठन के सुधार के लिए लगातार कवायद चल रही है। इसी क्रम में रणनीतिकारों ने माना है कि वैचारिक रूप से भाजपा के कार्यकर्ता काफी मजबूती से लड़ते हैं। ऐसे में कांग्रेस का जो नया संगठन खड़ा किया गया है, उसे भी अनुभवी नेताओं से प्रशिक्षित कराया जाना चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षण शिविर प्रदेश भर में आयोजित करने का निर्णय हुआ है। प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि 13 और 14 मार्च को गोरखपुर में सरयू तट स्थित गोला बाजार के वीएसएवी पीजी कॉलेज में प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। इसका वर्चुअल उद्घाटन प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा करेंगी, जबकि समापन प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू करेंगे। 


प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि वाराणसी और गोरखपुर सहित 11 जिलों के 155 ब्लॉक अध्यक्षों को प्रशिक्षण देने के लिए छत्तीसगढ़ से दो प्रशिक्षक आ रहे हैं। उनके अलावा प्रदेश के नेताओं में पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, सेवादल के मुख्य प्रदेश संगठक प्रमोद पांडेय, नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा और नेता विधान परिषद दल दीपक ङ्क्षसह भी सत्रों को संबोधित करेंगे।


इन जिलों के लिए प्रशिक्षण: वाराणसी, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर और बस्ती।


पश्चिम के साथ पूर्व में भी होंगी किसान पंचायतें: प्रियंका वाड्रा अब तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छह किसान पंचायतों को संबोधित कर चुकी हैं। राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में यह कार्यक्रम चलता रहेगा। प्रियंका अभी पश्चिम में दो और फिर पूर्वी उत्तर प्रदेश में चार किसान पंचायतें करेंगी। वह मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस अन्य विपक्षी दलों की तुलना में लगातार मजबूत हो रही है।

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