मंदिरों में लाउडस्पीकर से मांगा जाता है चंदा, मस्जिदों से नहीं - पूर्व मंत्री नारद राय
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. मस्जिदों में लाउड स्पीकर से अजान के समर्थन में उतरे समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे नारद राय ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रियों को छोड़कर किसी को भी इससे परेशानी नहीं है. उनका आरोप है कि राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला ने अपना पाप छिपाने के लिए अजान के विरोध में पत्र लिखा है. उन्होंने ये भी कहा कि इतिहास गवाह है कि मंदिरों से लाउडस्पीकर के माध्यम से चंदा मांगा जाता है, लेकिन मस्जिदों से नहीं. उन्होंने कहा कि राज्यमंत्री को छोड़कर किसी को भी लाउडस्पीकर से अजान पर आपत्ति नहीं है.
मीडिया से बातचीत करते हुए नारद राय ने कहा कि राज्यमंत्री ने विकास के लिए कभी सीएम और डीएम को पत्र नहीं लिखा. अपना पाप छिपाने के लिए पत्र लिखा. समाज का सौहार्द को बिगाड़ने और उन्माद फैलाने के लिए पत्र लिखा गया. नारद राय ने कहा कि जिले में कोई विकास कार्य नहीं हुआ. सभी योजनाएं ठप पड़ी हुई हैं, ऐसे में अपनी नाकामी छिपाने के लिए अजान को मुद्दा बनाया जा रहा है.
मंदिरों से मांगा जाता है चंदा
नारद राय ने कहा कि जिलाधिकारी से उन्होंने इस बाबत मुलाक़ात की है और कहा है कि किसी लाउडस्पीकर से होने अजान को लेकर कोई आपत्ति नहीं है. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि मस्जिद में स्पीकर से चंदा नहीं मांगा जाता, जबकि मंदिरों में स्पीकर से चंदा मांगा जाता है. अजान दो से तीन मिनट का होता है, इससे किसी को क्या आपत्ति हो सकती है.
अखिलेश यादव ने भी बताया बड़ी साजिश
गौरतलब है कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी द्वारा लाउडस्पीकर से अजान की शिकायत के बाद राज्यमंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला ने भी जतायी है और डीएम बलिया को इस बाबत पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है. अब इस मुद्दे पर भी सियासत शुरू हो गई है. रायबरेली में सपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इसे बड़ी साजिश बताया और कहा कि ने कहा कि किसी यूनिवर्सिटी की महिला वाइसचांसलर में ऐसी भावना नहीं आ सकती। वो उसी शहर की रहने वाली हैं और कोई पहली बार उन्होंने अजान नहीं सुनी होगी। ये कहीं न कहीं सोची समझी बात है. नियुक्ति भी इसलिए मिला होगा, जब वो वाइसचांसलर बन जाएं तो ऐसी बातें जरूर उठाएं। अपॉइंटमेंट के दौरान जो वादा किया था वो वादा पूरा कर रही हैं वाइसचांसलर।