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पाकिस्तान पर विजय गाथा सुनाने निकला सेना का साइकिल जत्था

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सन-1971 की लड़ाई में पाकिस्तान पर भारत की विजय की गाथा लोगों को सुनाने 39 जीटीसी परिसर से सोमवार को नौ सैनिकों का साइकिल जत्था तीन जिलों के लिए रवाना हुआ। पाकिस्तान पर जीत का स्वर्ण जयंती मना रही भारतीय सेना के जवानों को 39 जीटीसी के कमांडेंट ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला (सेना मेडल) ने हरी झंडी दिखाई। कर रवाना किया। बनारस से गाजीपुर चंदौली, मिर्जापुर का भ्रमण कर ये जवान 22 मार्च को 39 जीटीसी परिसर लौटेंगे। जत्थे में कैप्टन नवनीत सिंह, सूबेदार राजेन्द्र के साथ 9 सदस्य शामिल हैं।

ब्रिगेडियर हुकुम सिंह बैंसला ने कहा कि रैली का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना की शौर्य गाथा से आमजन को अवगत कराना है। युद्ध में शहादत देने वाले सैनिक परिवारों की वीर महिलाओं को भी सम्मानित किया जायेगा। साथ ही, स्कूलों के छात्रों को स्वर्णिम इतिहास की जानकारी दी जाएगी।


13 दिन पैदल चलकर पहुंचे थे ढाका 

प्रह्लादघाट निवासी सूबेदार दरोगा पाण्डेय सन-1971 की लड़ाई में शामिल थे। 14 गार्ड रेजीमेंट के सदस्य दरोगा पाण्डेय 13 दिन पैदल चलकर ढाका पहुंचे थे। पूर्वी पाकिस्तान के गंगासागर इलाके से ब्राह्मण बरिया व कुम्हिला जिला, अखौरा के नदी-पहाड़ के कठिन रास्तों पर दुश्मनों से लड़ते हुए आगे बढ़े। दरोगा पाण्डेय ने बताया कि पांचवें दिन राशन खत्म हो गया था। सैनिक जंगली फल-फूल खाते हुए आगे बढ़ रहे थे। सैनिकों ने 13 दिनों तक बिना सोये संघर्ष किया। उन्होंने बताया कि पूरी बटालियन में करीब 1100 सैनिक थे जो पैदल चलना शुरू किए थे। ढाका पहुंचने पर उनमें करीब 400 सैनिक शहीद हो गए थे।


 
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