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Ghazipur: आर्सेनिक प्रभावित दो ब्लाकों में हर घर नल योजना के तहत पहुंचेगा पानी, उखड़ेगे हैंडपंप

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जिले में रेवतीपुर और मुहम्मदाबाद विकास खंड में ग्रामीणों द्वारा उपयोग में लाई जा रही पानी में आर्सेनिक की मात्रा मिलने के बाद इन गांवों के हैंडपंप हटाए जाएंगे। दोनों विकास खंड की 110 बस्तियों को चिह्नित करके इन जगहों पर टंकी से पानी दिया जाएगा। वहीं इन गांवों में पाइपलाइन बिछाने का काम भी तेज कर दिया गया है। जिले में इससे लगभग दो लाख लोग लाभान्वित होंगे और उन्हें अब टंकी से पेयजल मिलेगा। सरकार ने जल जीवन मिशन या हर घर जल योजना का एलान 2020-21 में किया था, जिससे आर्सेनिक युक्त पानी के उपयोग से लोगों को मुक्ति दिलाना था। सभी घरों में पाइपलाइन से साफ पानी पहुंचाना के लिए 2024 तक का समय तय किया गया है। 57 परियोजनाएं जिले में संचालित हैं जिसमें से 12 लगभग पूरी हो चुकी है। वहीं इन सभी 110 आर्सेनिक पानी मिलने वाली बस्तियों में रिमूवल प्लांट लगेंगे।

रेवतीपुर विकासखंड के 46 ग्रामसभा अंतर्गत चयनित गांव जो आर्सेनिक से प्रभावित हैं। इनमें रेवतीपुर गांव सहित मेदनीपुर, ताड़ीघाट, पटकनिया, परमानंदपुर, सुजानपुर आदि गांव में नीर निर्मल जल परियोजना अंतर्गत कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें रेवतीपुर, मेदनीपुर गांव में शुद्ध पेयजल ग्रामीणों को मुहैया कराये जाने को लेकर युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। रेवतीपुर गांव में करीब 80000 की आबादी निवास करती है। इन ग्रामीणों को आर्सेनिक युक्त पानी पीना पड़ रहा है। इससे छुटकारा दिलाने के लिए गांव के दक्षिण तरफ इस योजना के तहत लगभग 5 करोड रुपए की लागत से कार्य चल रहा है। इसमें पानी टंकी दो निर्माण करना है वहीं बोरिंग पंप हाउस दो, स्टाफ क्वार्टर रूम का निर्माण कर लिया गया है। पिछले दो वर्ष से 20 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इसमें अब तक 10 किलोमीटर तक पाइन बिछाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। खंड विकास अधिकारी सुरेश सिंह राणा ने बताया कि विकास खंड अंतर्गत आधा दर्जन से अधिक ग्रामसभाओं में नीर निर्मल जल योजना के तहत शुद्ध पेयजल ग्रामीणों को मुहैया हो, इसके लिए प्रस्ताव भेजा गया था, जो वर्तमान में रेवतीपुर और मेदिनीपुर में शुद्ध पेयजल ग्रामीणों को उपलब्ध कराये जाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। यह कार्य छह माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। इससे ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होने लगेगी।


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