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Ghazipur: विभागीय उपेक्षा का शिकार है बहरियाबाद का यूनानी चिकित्सालय

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. बहरियाबाद बाद में संचालित यूनानी चिकित्सालय विभागीय लापरवाही के चलते उपेक्षित पड़ा है। ब्रिटिश काल से संचालित इस अस्पताल में एक अर्से से चिकित्सक नहीं है। फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल चल रहा है। वहीं खुद की जमीन होने के बावजूद भवन के अभाव में चिकित्सालय इधर-उधर भटकने को मजबूर है।

यह यूनानी चिकित्सालय पिछले तीन वर्षों से चकफरीद ग्राम पंचायत के सामुदायिक मिलन केन्द्र के भवन में संचालित है। यहां न तो बिजली का कनेक्शन है और ना ही पेयजल के लिए कोई हैण्डपम्प है। सामुदायिक भवन के निर्माण के समय ही लगा हैंडपम्प लम्बे समय से खराब पड़ा है। इस वजह से यहां कार्यरत कर्मचारियों सहित मरीजों व उनके तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। तीन वर्ष पहले यह चिकित्सालय बहरियाबाद कस्बा स्थित एक खपरैल के मकान में किराए पर संचालित था। यहां से खाली कराने के बाद कुछ दिनों के लिए पांच किलोमीटर दूर रायपुर में संचालित होने लगा। 


परन्तु कस्बा के लोगों द्वारा विभाग से बात कर पुनः इसे ग्राम प्रधान की स्वीकृति से सामुदायिक मिलन केन्द्र बहरियाबाद के भवन में संचालित किया जाने लगा। कस्बा में यूनानी चिकित्सालय के नाम पर ग्राम पंचायत द्वारा लगभग 40 वर्ष पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान हाफिज़ अब्दुल मन्नान अंसारी द्वारा जमीन आवंटित किया जा चुका है। इसके बावजूद संबंधित विभाग द्वारा सक्रियता न दिखाने के कारण आज तक उक्त जमीन पर भवन निर्माण का प्रस्ताव बनाकर शासन को नहीं भेजा जा सका। फार्मासिस्ट फहीदुल हक ने बताया कि कई बार चकफरीद के निवर्तमान ग्राम प्रधान उमेश सोनकर से उक्त जमीन पर भवन निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को देने के लिए कहा गया, लेकिन उनके द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गईं। पांच वर्ष पूर्व प्रधान रहे डा. निसार अहमद द्वारा भवन निर्माण हेतु प्रस्ताव बनाकर शासन को भेंजा गया था। यूनानी चिकित्सालय के डीओ डा. नेयाज अहमद ने बताया कि बहरियाबाद यूनानी चिकित्सालय के नाम से भूमि का होना हमारे संज्ञान में नहीं था। अगर उक्त भूमि खंड के खतौनी के साथ कागज़ात उपलब्ध कराया जाय तो अविलंब भवन के निर्माण हेतु शासन को पत्र भेजते हुए आहे की प्रक्रिया पूर्ण की जायेगी।


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