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पूर्वांचल में बादलों की कैद में आसमान, बारिश होना इतना भी नहीं आसान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पूर्वांचल भर में बादलों की सक्रियता लगातार बनी हुई है। बादलों की सक्रियता के बीच ठंडी हवाओं का दौर भी जारी है। बादलों की आवाजाही के बीच लोगों में बारिश की आशंका बनी हुई है। हालांकि, वातावरण से पर्याप्त नमी न मिलने की वजह से आसमान में बने बादल बारिश नहीं करा पा रहे हैं। लिहाजा बादलों की यह सक्रियता अब कुछ घंटों में आगे बढ़ जाएगी। कुछ स्थिति अनुकूल हुई तो बादल मामूली बूंदाबांंदी करा सकते हैं जबकि झमाझम बरसात के लिए वातावरण से जरूरी पर्याप्‍त नमी नहीं मिल पाने से बारिश होने में संशय है। 

दूसरी ओर बादलों की यह सक्रियता गुजरने के बाद दूसरी ओर से पछुआ हवाओं का झोंका बादलों को लेकर उत्‍तर भारत की ओर से आने की तैयारी में है। बादलों का यह झोंका इस समय उत्‍तरी पाकिस्‍तान में बना हुआ है जो धीरे धीरे पहाड़ों से होकर उत्‍तर भारत आने की ओर है। बादलों की यह सक्रियता पछुआ के असर से उत्‍तर भारत की ओर आने के बाद बारिश भी करा सकती है। बादलों के सघन डेरे से समृद्ध पश्चिमी विक्षोभ का यह झटका वर्तमान की अपेक्षा काफी घना है। पछुआ हवाओं की वजह से यह नम और ठंडे बादलों से युक्‍त है। इसके अगले एक दो दिन तक उत्‍तर भारत तक असर करने की उम्‍मीद जाहि‍र की जा रही है। मौसम विभाग ने भी बादलों की आवाजाही का इस पूरे सप्‍ताह अंदेशा जाहिर किया है। इसके बाद बादलों के पीछे गलन और ठंड से युक्‍त हवाओं का असर भी पूर्वांचल तक आएगा और पूर्वांचल एक बार दोबारा ठंड के आगोश में चला जाएगा। 

वहीं दूसरी ओर बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ ने देश के पश्चिमी इलाकों में जोर पकड़ लिया है। हालांकि पूर्वांचल तक आते- आते इसका असर हल्का  हो जाएगा। इससे हिमालयी क्षेत्र में जोरदार बर्फबारी हुई है, जिसका असर यहां भी पश्चिमी विक्षोभ के जरिये दो चार दिनों में पड़ना तय है।

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