कक्षा 6 से यूपी बोर्ड के बच्चे बनाएंगे प्रोजेक्ट और सीखेंगे कोडिंग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. आईसीएसई व सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड में अब कक्षा छह से प्रोजेक्ट अनिवार्य होगा। इसके अंक आतंरिक मूल्यांकन में जोड़े जाएंगे। पाठ्यक्रम का एक अंश प्रोजेक्ट के माध्यम से पूरा किया जाएगा। वहीं कक्षा छह से कोडिंग सिखाई जाएगी। नई शिक्षा नीति में माध्यमिक शिक्षा विभाग की कार्ययोजना में इसे शामिल किया गया है।
कार्ययोजना में अगले शैक्षिक सत्र से हैण्ड्सऑन एक्टिविटी यानी करके दिखाने की विधा को लागू करने पर बल दिया गया है और कक्षा नौ से विज्ञान विषय के लिए हफ्ते में दो पीरियड इसके लिए रखने की योजना है। वहीं विज्ञान, सामाजिक विज्ञान व गणित विषय को कक्षा में पढ़ाते समय गतिविधियों के माध्यम से समझाया जाएगा। इसे कक्षा छह से ही शामिल किया जाएगा। प्रोजेक्ट सभी विषयों में बनाए जाएंगे।
कक्षा छह से 10 तक विज्ञान व गणित को रोचक बनाया जाएगा। इसके लिए सीबीएसई के मॉड्यूल से मदद ली जाएगी। इसे नए सत्र से पुराने 550 राजकीय विद्यालयों में लागू किया जाएगा। प्रोजेक्ट के नंबर आंतरिक मूल्यांकन या यूनिट टेस्ट में जोड़े जाएंगे। विभिन्न विषयों के ओलम्पियाड में भाग लेने के लिए स्कूल स्तर पर तैयारी करवाई जाएगी और नए शैक्षिक सत्र से सरकारी स्कूलों से इसकी शुरुआत होगी।
डिजिटल लर्निंग पर खासा जोर
नए शैक्षिक सत्र से सरकारी स्कूलों में कक्षा छह से कोडिंग की कक्षाएं होंगी। इसे आगे मिडिल कक्षाओं तक विस्तार दिया जाएगा। डिजिटल लिट्रेसी का पाठ्यक्रम में एकीकरण करते हुए सभी स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम, वर्चुअल लैब और कम्प्यूटर शिक्षक की व्यवस्था 2022-23 तक सभी सरकारी स्कूलों में की जाएगी। अगले शैक्षिक सत्र तक हर स्कूल की अपनी वेबसाइट होगी। अब नए निजी स्कूलों के लिए यूपी बोर्ड की मान्यता की शर्तों में आईटीसी समक्ष बनाने की शर्त भी अनिवार्य होगी।
स्कूल क्ल्स्टर बनाने पर काम होगा शुरू
2022-23 से स्कूल संकुल की व्यवस्था लागू होगी यानी एक सरकारी माध्यमिक स्कूल के तहत पास के 5 से 10 किमी के प्राइमरी व मिडिल स्कूल एक संकुल का हिस्सा होंगे। इन सभी स्कूलों के संसाधन साझा किए जाएंगे। इसके माध्यमिक स्कूलों में वर्चुअल क्लासरूम होगी। वहीं 2023-24 इसमें वित्तपोषिक स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा।
राज्य स्तर पर बनेगा प्राधिकरण
राज्य स्तर पर स्कूलों में एकरूपता लाने और व्यावसायिक व गुणवत्तापूर्ण मानकों के पालन पर नजर रखने के लिए राज्य स्तर पर राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण बनाया जाएगा। इसका गठन 2021 के अंत कर किया जाएगा। यह संस्थान सार्वजनिक व निजी स्कूलों का मूल्यांकन व प्रमाणन एक समान मापदण्डों के आधार पर करेगा।
कोडिंग का उपयोग हर जगह
जो कम्प्यूटर, स्मार्ट फोन या किसी भी डिजिटल डिवाइस आप चलाते हैं, उनमें कोडिंग का इस्तेमाल किया जाता है। कोडिंग एक ऐसी प्रक्रिया होती जिसकी मदद से कंप्यूटर प्रोग्राम डिज़ाइन किया जाता है। स्मार्ट फोन या कंप्यूटर को सिर्फ एक विशिष्ट प्रकार की भाषा समझ में आती है, जिसे कोडिंग या प्रोग्रामिंग कहते है।
आओ करके सीखें की अवधारणा को मिलेगा बल
कक्षा छह से प्रोजेक्ट शुरू करने का मकसद यह है कि बच्चे दिलचस्पी के साथ सीख सकें। इसमें परिवहन के प्रकार (मसलन जल, वायु या सड़क), ऊर्जा के विभिन्न स्रोत (कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस,पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा आदि), प्रदूषण के प्रकार जैसे विषयों पर बच्चों की समझ को पुख्ता किया जाएगा।