Ghazipur: बच्चों को पोलियों की खुराक पिलाकर अभियान का शुभारंभ
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कोविड-19 शुरू होने के बाद पल्स पोलियो अभियान पर रोक लग गई थी। लेकिन रविवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से महाराजगंज उप केंद्र पर भाजपा के जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के प्रतिनिधि अच्छे लाल गुप्ता एवं मंडल अध्यक्ष गोपाल राय के द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं बच्चे को पोलियो की खुराक पिलाकर शुभारंभ किया गया। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए कार्यक्रम शुरू किया गया। रविवार को 3532 बच्चों को पोलियोरोधी खुराक दी गई।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. उमेश कुमार ने बताया कि कोविड-19 शुरू होने के बाद लॉकडाउन लग जाने की वजह से सत्र का संचालन नहीं हो सका था। लेकिन अब एक बार फिर से शासन के निर्देश पर पल्स पोलियो कार्यक्रम अभियान शुरू किया गया है। जो 7 फरवरी तक जनपद के 2009 केंद्रों पिलाया जाएगा। जनपद में 0 से 5 वर्ष के बच्चे की अनुमानित संख्या 5.6 लाख है। जिनको पोलियो की दवा पिलाई जाएगी। इस अभियान को सुचारू रुप से चलाने के लिए लिए 948 टीम बनी है। वहीं 328 सुपरवाइजर व 85 ट्रांजिट टीम वनी है। जो बस स्टैंड , रेलवे स्टेशन या टैक्सी स्टैंड पर पोलियो की दवा पिलायगी। इसके साथ हीं 64 मोबाइल टीम वनी है। जो इट भट्टा के साथ रैन बसेरा में रहने वाले परिवार के बच्चों को पोलियों पिलाएंगी। पोलियो एक संक्रामक रोग है। यह पोलियो विषाणु मुख्यतः छोटे बच्चों में होता है। यह बीमारी बच्चें के किसी भी अंग को जिन्दगी भर के लिये कमजोर कर देती है। पोलियो लाईलाज है। क्योंकि इसका लकवापन ठीक नहीं हो सकता है। बचाव ही इस बीमारी का एक मात्र उपाय है। वहीं पोलियो स्पाइनल कॉर्ड व मैडुला की बीमारी है। स्पाइनल कॉर्ड मनुष्य का वह हिस्सा है जो रीड की हड्डी में होता है। पोलियो मांसपेशियों व हड्डी की बीमारी नहीं है। पोलियो वायरस ग्रसित बच्चों में से एक प्रतिशत से भी कम बच्चों में लकवा होता है। बच्चों मे पोलियों विषाणु के विरूद्व किसी प्रकार की प्रतिरोधक क्षमता नहीं होती है। इसी कारण यह बच्चों में होता है।