मुंबई में हुई सवा करोड़ की लूट का खुलासा, पूर्वांचल के बदमाशों ने की थी वारदात
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मुंबई में मीरा रोड स्थित ‘एस कुमार गोल्ड एवं डायमंड शॉप’ में 7 जनवरी को हुए डेढ़ करोड़ के लूटकांड का बुधवार को खुलासा कर दिया है। घटना को अंजाम देने वाले गिरोह के सरगना समेत तीन अभियुक्तों को लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के देवा रोड से गिरफ्तार किया गया। सभी बदमाश पूर्वांचल के रहने वाले हैं।
बदमाशों के कब्जे से लूटी गई ज्वेलरी और घटना में इस्तेमाल किए असलहे बरामद कर लिए गए हैं। इसमें एक स्मिथ एवं वेंसन की सर्विस रिवाल्वर है, जिसे पुलिस इस्तेमाल करती है। ऐसी संभावना है कि यह पुलिस से ही लूटी गई है।
एसटीएफ मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने मुंबई पुलिस की मौजूदगी में पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने यह खुलासा भी किया कि बदमाशों ने देश में कई बड़े ज्वेलरी प्रतिष्ठानों को लूटने की योजना बना रखी थी। इसमें गोवा का कैसिनो, प्रयागराज में सुभाष चौराहे पर स्थित ज्वेलर्स शॉप और लखनऊ में फन मॉल के पड़ोस में स्थित ज्वेलरी शॉप भी शामिल थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों में गाजीपुर के सुहवल थाना क्षेत्र स्थित तारीघाट का रहने वाला विनय कुमार सिंह उर्फ सिंटू सिंह, जौनपुर के केराकत थाना क्षेत्र स्थित सरोज बदेवर गांव का दिनेश निषाद और वाराणसी के चोलापुर थाना क्षेत्र स्थित कटारी गांव का शैलेन्द्र कुमार मिश्रा व बब्लू मिश्रा शामिल हैं। विनय सिंह गैंग का सरगना है। उसका लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास भी है। इस गैंग के दो सदस्य अभी फरार हैं। इनमें आजमगढ़ का संजीत और गाजीपुर का सोनू शामिल है।
इनके पास से अंगूठी व अंगूठी के टुकड़े-46, हार-4, लॉकेट-10, कंगन-2 जोड़ी, कीमती स्टोन-21 ग्राम, ज्वेलरी के टुकड़े-14 ग्राम, हीरे के नग-4 ग्राम, नकद-5.27 लाख रुपये, असलहा-2, कारतूस-38 बरामद हुए हैं।
पांचों ने मिलकर की मुंबई में लूट
एटीएफ ने प्रेस कांफ्रेंस में दिनदहाड़े हुई लूट की घटना का सीसीटीवी फुटेज भी दिखाया। एडीजी एसटीएफ ने बताया कि लूट में पांचों अभियुक्त शामिल थे। पूछताछ में पता चला है कि पांचों ने गत सात जनवरी को ज्वेलरी शॉप में लूट की घटना को अंजाम दिया और सारा सामान लेकर अलग-अलग रास्तों से होकर अपने-अपने घर पहुंच गए। बाद में इकट्ठा होकर सारे सामान का बंटवारा किया। कुछ सामान बेचकर उससे कैश प्राप्त किया और अपने-अपने घर चले गए।
बुधवार को वे लखनऊ में अगली डकैती की योजना बनाने के लिए इकट्ठा हुए थे और पकड़ लिए गए। बरामद रिवाल्वर के बारे में बताया कि यह पुलिस से लूटी हुई है, जिसे उन्हें गाजीपुर के राजू राय ने दिया था। गिरफ्तार अभियुक्तों को मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया है। वह उन्हें लेकर मुंबई जा रही है। घटना के विवेचक प्रमोद बड़ाख भी मुंबई की पुलिस टीम के साथ आए हुए थे। एटीएफ मुख्यालय के डीएसपी दीपक कुमार सिंह के नेतृत्व में गठित टीम को यह सफलता मिली।
इस तरह लूट को देते थे अंजाम
ये लोग पहले ज्वैलरी शॉप जाते थे और माहौल आंकते थे। फिर गार्ड व कर्मचारियों से दोस्ती की कोशिश करते थे। ताकि शॉप की सुरक्षा की पूरी जानकारी हासिल कर लें। इसके बाद सभी रास्तों की रेकी करते थे। घटना के बाद सभी अलग-अगल रास्तों से फरार हो जाते थे।
विनय ने बताया कि उसके गैंग में शैलेद्र, दिनेश, आजमगढ़ का संजीत, गाजीपुर का सोनू सिंह शामिल हैं। सभी ज्वैलरी शॉप लूटने की फिराक में थे, 7 जनवरी को मुंबई के मीरा रोड स्थित ज्वैलरी शॉप में लूट की। बाद में लूट का सारा माल बांट लिया था। रिवाल्वर के संबंध में उसने बताया कि ये गाजीपुर के राजू राय ने उसे दी थी।
पूछताछ में गाजीपुर के विनय कुमार सिंह ने बताया कि पिता की हत्या का बदला लेने क लिए वह 1991 में अपराधी बना। उसने उदयीराम पर जानलेवा हमला किया। इसके बाद 1994 में फिर हमला किया और इस बार उदयीराम की मौत हो गई। 1995 में उसने भरतराम नाम के शख्स पर जानलेवा हमला किया. 2001 में उसने गाजीपुर के सैदपुर में सहकारी बैक कर्मी से लूट की। फिर वाराणसी में जीवन बीमा के पैसे लूटे। इस घटना में शामिल एक और शख्स मनोज दुबे बाद में पुलिस एनकाउंटर में मारा गया।