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गाजीपुर बार्डर पर फोर्स पहुंचने से क‍िसानों में गुस्‍सा, पश्चिमी यूपी के नेताओं का घेराव करेगी भाकियू

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मुरादाबाद. भारतीय किसान यूनियन के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे आंदोलन को खत्म करने के लिए भारी पुलिस बल पहुंचने से किसान नेताओं में गुस्सा है। 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के नाम पर हुए बवाल के बाद घर लौटे किसान नेता फिर से दिल्ली बा़र्डर पर जाने की योजना बना रहे हैं।

किसान नेताओं का कहना है कि भाजपा सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बजाय दमनकारी नीति अपनाकर किसानों के धरने को खत्म करने के लिए साजिश कर रही है। गाजीपुर बार्डर को बंद कर दिया गया है। भारतीय किसान यूनियन के मंडलाध्यक्ष महेंद्र सिंह रंधावा का कहना है कि हमारे किसी कार्यकर्ता ने दिल्ली में बवाल नहीं किया। दिल्ली पुलिस निष्पक्ष जांच करे। सरकार ने हमारे नेता पर हाथ डालने की कोशिश की तो हर जिले में रोड जाम करके आंदोलन होगा। सांसद और विधायकों के घरों का घेराव होगा। 


अमरोहा के जिलाध्यक्ष रामपाल सिंह का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना कौन सा गुनाह है। किसानों को अनैतिक तरीके से हटाने की कोशिश की जा रही है। आंदोलन करना हमारा अधिकार है। यह दमनकारी नीति भाजपा को फिर से विपक्ष में बैठने का रास्ता बनाएगी। उन्होंने कहा कि सर्दी में तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसान दिल्ली के बा़र्डर पर बैठा है। डेढ़ सौ से ज्यादा किसानों की मौत हो गई। सरकार हमें दुश्मन मान रही है तो माने। लेकिन, संवेदना मरने वालों के साथ होनी चाहिए। बिजनौर के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह का कहना है कि सरकार किसानों के खिलाफ साजिश कर रही है। 


गाजियाबाद के एक विधायक ने माहौल खराब करने की कोशिश की, किसानों की जान खतरे में है। कृषि कानूनों को बनाए रखने के लिए सरकार के लोग कानून हाथ में ले रहे हैं। हमारे नेता शांति के साथ गिरफ्तारी देना चाहते हैं तो दवाब क्याें बनाया जा रहा है। भाकियू नेता ऋषिपाल सिंह ने कहा कि आंदोलन करने वाले किसान भाजपा के ही वोटर हैं। भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है कि भाकियू का हर कार्यकर्ता गिरफ्तारी देने के लिए तैयार है। कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए हमारी मांग जारी रहेगी। युवा भाकियू नेता दीपक चौधरी कहते हैं कि 26 जनवरी के दिन शाम को गाजीपुर बार्डर की लाइट काट दी गई थी। हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए। सरकार की मंशा सही नहीं है, लेकिन किसान किसी से डरने वाला नहीं है।

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