क्या उप्र में हो जाएंगे मार्च तक पंचायत चुनाव? CM योगी ने अधिकारियों को दिए आदेश
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। अब लोगों की निगाहें चुनाव की तारीख पर है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों की मीटिंग में पंचायत चुनाव पर चर्चा की। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मार्च से पहले चुनाव कराने पर चर्चा की। अभी पंचायतों के आरक्षण और वोटर लिस्ट फाइनल करने का काम चल रहा है।
जानें क्या पंचायतीराज विभाग की तैयारी :
पंचायतीराज विभाग द्वारा तैयार प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार पंचायतों के पुर्नगठन का काम 22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर के बीच चलेगा। इसके बाद एक जनवरी से 20 जनवरी तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। राज्य स्तर पर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया 21 जनवरी से 30 जनवरी के बीच पूरी की जाएगी और फिर जिला स्तर पर आरक्षण एक फरवरी से 21 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा। इस कार्यक्रम के आधार पर पंचायतीराज विभाग ने एक प्रस्तुतीकरण तैयार किया है। यह प्रस्तुतीकरण दिसबंर के पहले सप्ताह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष विभागीय अधिकारियों को प्रस्तुत करना था। विभाग के अधिकारी मुख्यमंत्री आवास पर इस प्रस्तुतीकरण को लेकर गये थे। राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी भी मौजूद थे। मगर मुख्यमंत्री की अन्य बैठकों में व्यस्तता के चलते यह प्रस्तुतीकरण नहीं हो सका।
चार जिलों में परिसीमन :
प्रदेश के चार जिलों में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों (वार्डों) के परिसीमन का कार्यक्रम जारी कर दिया है। यह जिले हैं गोण्डा, मुरादाबाद, सम्भल और गौतमबुद्धनगर। यह वह जिले हैं जहां वर्ष 2015 के त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में कानूनी अड़चनों की वजह से पंचायतों के वार्डों का समय से परिसीमन नहीं हो सका था।
मौजूद प्रधानों को लेना होगा एनओजी :
गांव में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों ने जरूरी कागज जुटाने शुरू कर दिए हैं। अब वर्तमान ग्राम प्रधानों को फिर से चुनाव लड़ने से पहले पंचायतराज विभाग से एनओसी लेनी होगी। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में कई शिकायतें अनियमितताएं हुई थीं। शिकायत के आधार जिला प्रशासन की ओर से जांच कमेटी गठित की गई थी। इन कमेटियों ने कई ग्राम प्रधानों पर रिकवरी निकाली थी। इनमें से कई ऐसे ग्राम प्रधान हैं, जिन्होंने अभी तक रिकवरी की धनराशि जमा नहीं की है। अब इन ग्राम प्रधानों को फिर से चुनाव लड़ने के लिए रिकवरी की धनराशि जमा करनी होगी, जिससे एनओसी मिल सके। धनराशि जमा नहीं करने वाले ग्राम प्रधानों को एनओसी नहीं मिल सकेगी।