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Ghazipur: गहमर में उग्र आंदोलन देख बैकफुट पर रेलवे, 2 ट्रेनों का ठहराव घोषित

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर में ट्रेनों के ठहराव को लेकर ग्रामीणों के उग्र आंदोलन ने रेलवे को हिला दिया। लगातार ट्रेनों के ठहराव की मांग करने वाले ग्रामीणों को 24 घंटे में ही दो प्रमुख ट्रेनों का ठहराव मिल गया। ग्रामीणों के साथ सैन्य परिवारों के आंदोलन में भागीदारी का इनपुट पाते ही रेल अधिकारियों ने आदोलन को समाप्त करने की रणनीति बनाई और रेलवे बोर्ड से चर्चा की। इसके बाद डीआरएम का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा लेकिन ग्रामीण नहीं माने तो ठहराव देना पड़ा। गुरुवार शाम पत्र जारी कर रेलवे ने श्रमजीवी एवं बॉम्बे जनता एक्सप्रेस का दो-दो मिनट का ठहराव सुनिश्चित किया। पूर्व कैबनिट मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने गहमर में धरना स्थ्ल पर पहुंचकर अपना समर्थन दिया और रेल अधिकारियों से फोन पर बात भी की। ग्रामीण इसे सबसे बड़ी जीत मान रहे हैं और उनके चेहरे पर खुशी है।

देश सेवा में जान की बाजी लगाने वाले हजारों जवानों की धरती और एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर में ग्रामीण पिछले 24 घंटे से धरने पर थे। उनकी मांग स्थानीय स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की थी जिसके लिए नौ दिन का अल्टीमेटम दिया गया था। आंदोलन के धरना प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए रेलवे ने अपनी सारी जुगत लगा ली लेकिन ग्रामीण नहीं हिले, इसे बाद पूर्व सैनिक भी धरने पर बैठ गए। सैन्य परिवार के लोगों ने भी आंदोलन में सहभागिता निभाई। बड़ी संख्या में पूर्वसैनिकों की सक्रियता और सैन्य परिवारों की संभावित रुख देखकर रेल अधिकारियों ने मामले को शांत करना ही तय किया। नौ दिवसीय धरना-प्रदर्शन के पहले दिन देर शाम धरनारत लोगों से बात करने के लिए डीआरएम का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा। 


जहां काफी देर वार्ता के बाद भी नतीजा सिफर निकला। अमित कुमार गुप्‍ता (वरिष्‍ठ मंडल अभियंन्‍ता दानापुर), संतोष कुमार राठौर ने आन्‍दोलनकारियों से कहा कि हमें आपके बीच मांगों को जानने के लिए भेजा गया है। जब सारी मांग बताई गई, तो अधिकारियों ने कहा कि हमने रेल मंत्रालय को लिख दिया है कि आपकी मांग मानकर ट्रेनों का ठहराव करा दिया जाय इस पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए और अधिकारियों को उल्टे पांव लौटा दिया। अधिकारियों ने विचार के लिए 15 मिनट का समय मांगा और इसके बाद उन्‍होंने कहा कि कम टिकट सेलिंग के कारण ट्रेनों के ठहराव पर रोक लगा दिया गया है। इसके बाद पूर्व सैनिकों ने आंदोलन को गति देने के लिए रणनीति बनाई। वहीं पूर्वमंत्री ओमप्रकाश सिंह समर्थकों के साथ पहुंचे और आंदोलन में सहभागिता करते हुए श्रमजीवी एवं बॉम्बे जनता एक्सप्रेस का ठहराव जरूरी बताया।


गुरुवार सुबह फिर ग्रामीण पूरे जोश में दिखे तो रेल अधिकारियों ने बोर्ड को ठहराव ना होने से बढ़ने वाली दुश्वारियों की सूचना दी। इसे बाद दो प्रमुख ट्रेनों के ठहराव की घोषणा की गई और इस संदर्भ में दानापुर मंडल नेपत्र भी जारी किया। रेलवे ने धरना पर संज्ञान लेते हुए श्रमजीवी एवं बॉम्बे जनता एक्सप्रेस का ठहराव सुनिश्चित कर दिया गया है। यह अप और डाउन में दो-दो मिनट होगा। दोनों ट्रेनों का ठहराव 20 तारीख से आगामी 31 जनवरी तक स्टेशन पर सुनिश्चित किया गया है। रेलवे प्रशासन द्वारा लोगो को ठहराव का पत्रक मिलने के बाद धरने को समाप्त किया गया। उक्त अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सिंह, सुधीर सिंह, अखंड गहमरी ,दुर्गा चौरसिया, हे राम सिंह ,प्रमोद सिंह ,आनंद मोहन सिंह ,कुणाल सिंह ,अभिषेक ,बलवंत सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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