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Ghazipur: पति आजीवन कारावास की सजा काट रहा, पत्नी बनी शिक्षक

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. सादात, शिक्षा को हथियार बनाकर सहायक शिक्षक बनी नगर के वार्ड नंबर-9 निवासी अनुपम यादव ने यह साबित कर दिया कि अगर दृढ़ इच्छा शक्ति है तो सफलता आपकी कदम चूमेगी। पति प्रदीप आठ वर्ष से आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, लेकिन पत्नी अनुपम ने संघर्ष करते हुए पढ़ाई जारी रखा। अब शिक्षक के रूप में समाज को नई दिशा दिखाने को तैयार है। अनुपम का चयन 69 हजार शिक्षक भर्ती में बतौर सहायक अध्यापक के पद पर हुआ है।

आठ वर्ष पूर्व नगर के रिकू यादव हत्याकांड में हत्या के आरोप में अनुपम के पति प्रदीप यादव से जेल में हैं। कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उस समय विवाह के मात्र आठ महीने हुए थे और नवविवाहिता अनुपम यादव के गर्भ में बच्चा पल रहा था। कुछ दिन बाद अनुपम ने स्वस्थ बेटे को जन्म दिया। एमए पास अनुपम ने बताया कि पति के जेल जाने के बाद उनकी बैट्री की दुकान बंद हो गई। पति के जेल जाने के बाद वह अंदर से कुछ समय के लिए टूट चुकी थी। काफी सोचने-समझने के बाद अनुमप ने अधूरी पढ़ाई पूरी करने की ठानी। बीएड, टेट व सुपर टेट के लिए घर पर घंटों तक सेल्फ स्टडी किया। आनलाइन तैयारियों के अलावा टेट व सुपर टेट के लिए नगर के अलावा वाराणसी में कुछ दिनों के लिए कोचिग भी की।


बदलाव लाने को बनी शिक्षक

बातचीत में अनुपम ने बताया कि शिक्षा से ही समाज में बदलाव लाया जा सकता है। शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक भी होता है। वह आठ वर्ष से अपने पति से दूर है। एक-एक पल भारी लगता है। ऐसे में समाज में शिक्षा का प्रकाश फैलाने के लिए खुद को समर्पित करा चाहती है


नियुक्ति पत्र मिलते ही छलके जेठानी के आंसू

अनुपम की पढ़ाई व जीवन को लेकर उनकी जेठानी व सादात नगर पंचायत चेयरमैन प्रमिला यादव काफी चितित रहती हैं। पिछले शनिवार को पीजी कालेज के सभागार में अपनी देवरानी अनुपम यादव को जैसे ही विधायक डा. संगीता बलवंत के हाथों नियुक्ति पत्र मिलने की सूचना मिली, उनके आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। नियुक्ति पत्र लेकर घर पहुंची अनुपम जेठानी को गले लगाकर फफक पड़ीं। दोनों ने एक दूसरे को ढांढस बंधाया और जीवन के नए पन्ने को सजाने में लग गईं।

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