Ghazipur: पांच वर्षों से दिन बहुरने का इंतजार कर रहा आइटीआइ कालेज, जनवरी 2011 में हुआ था शिलान्यास
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. खानपुर क्षेत्र के गोरखा गांव में करोड़ों रुपये की लागत से बना दो मंजिला आइटीआइ कालेज पांच साल से अपने दिन बहुरने का इंतजार कर रहा है। वर्ष 2011 जनवरी में जब इस आइटीआइ कालेज का शिलान्यास किया गया तब आसपास के दर्जनभर गांवों सहित पूरे सैदपुर ब्लाक के लोगों में उत्साह और उम्मीद दिखाई पड़ी थी। पांच करोड़ 10 लाख की लागत से बने इस कालेज परिसर में पढ़ने-लिखने और प्रशिक्षण सहित सारी सुविधाएं मौजूद हैं।
इसके भवन का निर्माण वर्ष 2011 में तीन करोड़ 57 लाख रुपये बजट के साथ शुरू किया गया था। कार्यदायी संस्था व राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों की लापरवाही से निर्माण कार्य रुकता और अटकता चला गया जिसका परिणाम निकला कि भवन निर्माण का काम वर्ष 2015 में राजकीय निर्माण निगम वाराणसी यूनिट से लेकर बलिया यूनिट को दे दिया गया और कालेज के भवन निर्माण का बजट तीन करोड़ 57 लाख से बढ़ाकर पांच करोड़ दस लाख रुपये कर दिया गया। इसके बाद भी इस कालेज दुर्भाग्य रहा और अभी भी चहारदीवारी, पानी की टंकी, आवासीय कमरों आदि का निर्माण होना बाकी है वहीं बजट खत्म होने का रोना रोया जा रहा है।
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चल रही है जांच प्रक्रिया
निर्माणकार्य में भारी अनियमितता की जांच के लिए प्रदेश सरकार ने एसआईटी गठित कर जांच बैठा दिया है जिसकी जांच प्रक्रिया अभी चल रही है। अनुमानित दो वर्ष में पूरा होने वाला कालेज आठ साल में किसी तरह बनकर तैयार हुआ। कालेज का भवन अपने अधूरेपन के साथ लोकार्पण का इंतजार कर रहा है। देवव्रत चौबे, विजयी सिंह, रामबचन यादव, नरसिंह गोस्वामी, पन्नालाल राम का कहना है कि करोड़ों की लागत से बने कालेज को शुरू करने के बजाय सरकार नये कालेजों के निर्माण पर जोर दे रही है। इस कालेज के प्रारंभ होने से सैकड़ों गांव के छात्र और छात्राएं तकनीकी शिक्षण प्रशिक्षण ग्रहण कर आत्मनिर्भर और स्वाबलंबन की दिशा में कार्य कर सकेंगे।
रिपोर्ट के बाद शुरू होगा शिक्षण कार्य
आइटीआइ कालेज के भवन का निर्माण अभी अधूरा है और बाकी काम के लिए बजट बनाकर प्रस्ताव भेजा गया है। काम पूरा होने और एसआइटी जांच रिपोर्ट के बाद ही शिक्षण कार्य शुरू हो पाएगा।- खुर्शीद आलम, प्रभारी, राजकीय आइटीआइ कालेज गोरखा।