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Ghazipur: ग्राम प्रधानों के कार्यकाल में दिन बचे कम, नहीं मिल रहा 'धन' फिर रहे मारे-मारे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. शासन और जिला प्रशासन के आदेश और दबाव के कारण जनपद की 510 छोटी ग्राम सभाओं में ग्राम प्रधानों ने सामुदायिक शौचालय एवं पंचायत भवन का निर्माण कराया है। लेकिन अब तक धन का भुगतान न होने से अधिकारियों के दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। प्रधानों का कार्यकाल समाप्त होने में महज 14 दिन ही शेष बचे हैं। धनराशि का भुगतान न होने से ग्राम प्रधान पांच से 10 लाख रुपये प्रति ग्रामसभा कर्जदार हैं। 

प्रधानों की माने तो सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए 510 गांव को 21, 0000 रुपये देने को कहा गया था। लेकिन मनरेगा एवं स्वच्छता मिशन के तहत मिलने पैसा नहीं मिला। जबकि संबंधित विभाग केंद्रीय एवं राज्यवित्त में शेष धनराशि से निर्माण का दावा कर रहा है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। शासन एवं जिला प्रशासन से डंडा चलाकर तथा ग्राम प्रधानों पर दबाव डालकर, उन्हें अपमानित कर गांवों के सारे विकास कार्यों को रोककर केवल शौचालय, पंचायत भवन और विद्यालय का कायाकल्प कराने का काम पिछले दो सालों से लगातार कराया गया है।


ग्रामसभाओं में पंचायत भवन निर्माण और सामुदायिक शौचालय के निर्माण के लिए तीन किश्तों में धन अवमुक्त होता है। गांवों की आबादी के हिसाब से किया जाता है। छोटी ग्रामसभाओं में डेढ़ से साढ़े तीन लाख रुपये तक पहली किश्त मिली है। दूसरी किश्त नवंबर माह में आनी थी, लेकिन अभी तक नहीं मिली। इतना ही नहीं मनरेगा के तहत एक-एक गांवों को मिलने वाले पांच लाख 89 हजार रुपये भी अब तक नहीं मिले हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी दो लाख दस हजार सरकार को देना था। लेकिन यह पैसा भी अब तक खाते में नहीं आया। ऐसे में ग्राम प्रधान कर्ज लेकर कार्य पूर्ण कराने के बाद भी धन के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।

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