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Ghazipur: अपराध निरोधक समिति राज्यपाल को भेजेगी जेल व अस्पताल की रिपोर्ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. अपराध निरोधक समिति ने सोमवार को जिला जेल व जेल अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान रसोईघर, अस्पताल व अन्य व्यवस्था का जायजा लिया। यहां की स्थिति की रिपोर्ट राज्यपाल को भेजी जाएगी। यहां किस तरह की और क्या दु‌र्व्यवस्थाएं मिली इसे बताने से इन्कार कर दिया।

समिति के सदस्यों ने पाया कि सुबह के नाश्ते में कैदियों को ब्रेड चाय व दोपहर भोजन में रोटी, चावल, अरहर की दाल, आलू, पालक की सब्जी दी गई थी। जेल प्रशासन की ओर से बताया गया कि पेरोल से वापस आए वापस आए कैदियों की संख्या पांच है। जिला जेल में 397 की क्षमता है जिसके सापेक्ष 906 बंदी हैं। डिप्टी जेलर कमल चंद ने बताया कि जेल के अंदर आने वाले लोगों को गहन चेकिग व सैनिटाइज करने के बाद ही प्रवेश करने दिया जाता है। जेल में 30 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जो सभी काम करते पाए गए। जेल की सबसे बड़ी समस्या बाउंड्री वाल 12 फीट का ही होना बताया। वहीं, 68 सिपाही तैनात होना चाहिए, जिसके सापेक्ष केवल 42 की नियुक्ति हैं। दीवार व चहारदीवारी की स्थिति जर्जर है, जिसके लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है। टीम में उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति के प्रदेश संगठन सचिव संजय श्रीवास्तव ने बताया कि लखनऊ के चेयरमैन डा. उमेश शर्मा के निर्देश पर यह निरीक्षण किया गया। टीम में जोन सचिव मयंक कुमार सिंह, जेल पर्यवेक्षक अभिषेक सिंह, शेरशाह, सचिव भ्रष्टाचार उन्मूलन विशाल चौरसिया व संगठन सचिव अनुज अग्रवाल मौजूद रहे।


चार की जगह तैनात हैं केवल तीन डिप्टी जेलर

जेल में कुल 906 कैदी हैं, जिसमें पुरुष 826 व महिला 32 हैं। अल्प वयस्क बंदियों की संख्या 48 है। महिला बंदियों के साथ एक बच्चा भी है। यहां पद तो चार डिप्टी जेलर का है, लेकिन केवल तीन ही तैनात हैं। उत्तर प्रदेश अपराध निरोधक समिति जेल मैनुअल के अंतर्गत काम करती है, जिसके मुख्य संरक्षक राज्यपाल होते हैं यह समय-समय पर जेल बाल सुधार गृह वृद्धाश्रम आदि का निरीक्षण करके शासन को रिपोर्ट भेजती है।

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