बलिया में पंद्रह वर्षीय किशोरी ने सुसाइड नोट में लिखा - 'मेरी बात मान गए होते तो मैं भी इस दुनिया में रहती'
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. 'मां एंड पापा सॉरी-सॉरी-सॉरी... 'मेरी बात मान गए होते तो मैं भी इस दुनिया में रहती'। यह अल्फाज उस किशोरी के हैं जिसने बलिया जिले के कोठियां गांव क्षेत्र में बुधवार की रात अपनी जान दे दी। तीन पन्नों के सुसाइड नोट में किशोरी ने अपनी जान देने की पूरी कहानी लिखते हुए अपने परिजनों पर ही जान देने के लिए उकसाने का इल्जाम लगाया है।
बलिया जिले के कोठियां क्षेत्र में बुधवार की रात एक पंद्रह वर्षीय किशोरी ने जहर खा कर जान दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने विधिक कार्रवाई करते हुए शव का पंचनामा भर कर जांच शुरू कर दी। पुलिस को शव के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें मृतका ने घटना को लेकर अपने मामा मामी की तरफ इशारा किया है। इससे कयास लगाए जा रहें हैं कि मामला ननिहाल से संबंधित प्रेम प्रसंग का है। कक्षा 9 वीं की छात्रा रही किशोरी का ननिहाल मलपहरसेनपुर क्षेत्र में है। ननिहाल में हो रहे एक वैवाहिक कार्यक्रम में भाग लेने वह गई थी। वहां से वह मंगलवार को ही वापस अपने गांव पहुंची थी।
बुधवार की रात उसने किसी समय कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया। हालत खराब होने पर उसे उपचार हेतु मऊ ले जाया जा रहा था किंतु रास्ते में ही उसने दम तोड दिया। सुसाइड नोट में किशोरी ने घटना के लिए पापा मम्मी को निर्दोष बताया है। उसने मार्मिक शब्दों का प्रयोग करते हुए लिखा है कि -मैं पढ कर कुछ करना चाहती थी, किंतु ऐसा नही कर सकी। मामा मामी को इंगित करते हुए लिखा है कि 'आज से आप लोंगों का बुरा वक्त चालू, यदि आप लोग मेरे मम्मी पापा को कुछ भी कहेंगें तो क्या होगा जरा सोच लेना'। किशोरी की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया और माता पिता व भाइयों का रो रो कर बुरा हाल है।