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पूर्वांचल के विकास का रोडमैप तैयार करेगी योगी सरकार, 3 दिनों तक होगा मंथन

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. राज्य सरकार पूर्वांचल के सर्वांगीण विकास के लिए एक नया अध्याय लिखने जा रही है। यह अध्याय ऐसा होगा जिसमें पूर्वांचल से गरीबी, बेकारी, बीमारी और अशिक्षा दूर होगी। वहां से लोगों का पलायन रुकेगा और उन्हें वहीं मनमाफिक रोजगार मिल सकेगा। यह सब कैसे होगा इसके लिए रोडमैप तैयार करने के लिए पूर्वांचल में ही इस महीने के अन्त में तीन दिनों तक मंथन किया जाएगा। 

इस मंथन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत उनके मंत्रिमण्डल के सदस्य, केन्द्रीय मं‌त्री व अधिकारियों के साथ-साथ  प्रदेश के सभी शीर्ष अधिकारी एवं सभी विभागों के विभागाध्यक्षों के अलावा तमाम सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी जुटेंगे। सरकार इस मंथक की तैयारियों में पूरी शिद्दत से जुट गई है। साथ ही मंथन में उभर कर आने वाली सभी संस्तुतियों को लागू करने का निर्णय भी सरकार ने किया है। आयोजन की जिम्मेदारी प्रदेश के नियोजन विभाग व दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय को सौंपी गई है।  


बताया जाता है कि इसके आयोजन के लिए गोरखपुर के दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय को चुना गया है जबकि आयोजन की तिथि 27 से 29 नवम्बर तय किया गया है। विषय भी पूर्वांचल के कायाकल्प से जुड़ा रखा गया है। मसलन, ‘‘पूर्वांचल का विकास: मुद्दे, रणनीति एवं भावी दिशा’’। सभी सम्बन्धित विभागों को बकायदा सहेज दिया गया है कि वे अपने विभाग से इस आयोजन के लिए नोडल अधिकारी नामित करें। 


इन विभागों की होगी सक्रिय भागीदारी

कृषि, कृषि विपणन, कृषि निवेश व्यापार एवं निर्यात, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, रेशम, सहकारिता, मत्स्य, पशुधन, दुग्ध विकास,गन्ना एवं चीनी उद्योग, वन एवं वन्यजीव, अवस्थापना, एवं औद्योगिक विकास, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग और निर्यात प्रोत्साहन, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग,लोक निर्माण, ग्रामीण अभियंत्रण, ऊर्जा, अतिरिक्त ऊर्जा, नगर विकास, आवास एवं शहरी नियोजन, पंचायती राज, पर्यावरण, भूतत्व खनिकर्म, राजस्व, अभाव एवं दैवी आपदा राहत,सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रोनिक्सप, पर्यटन, संस्कृति, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, परिवहन, आवास एवं शहरी नियोजन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, समाज कल्याण, बेसिक, माध्यिमक, उच्च एवं प्राविधिक शिक्षा, सिंचाई एवं जल संसाधन नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति तथा नगर एवं ग्राम्य विकास।


इन प्रमुख संस्थाओं की होगी भागीदारी

इन्टरनेशनल राईस रिसर्च इंस्टीट्यूट (इर्री), सभी आईसीएआर इंस्टीट्यूट, सभी कृषि विश्वविद्यालय,शोध एवं विकास संस्थान, स्वयं सेवी संगठन, एफआईसीसीआई,आईटी फर्मस, टूरिज्म फर्मस, सांस्कृतिक संगठन, स्वयं सेवी संगठन, यूनिसेफ, वाटर रिसोर्स ग्रुप आदि। 

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