विश्वविख्यात ददरी मेला शुरू, सवा लाख के हीरा-मोती और पौने दो लाख की रानी पर नजरें टिकीं
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के बलिया के ददरी मेले की औपचारिक शुरुआत रविवार को पशु मेले से हो गई। एक माह तक चलने वाला पशु मेला इस वर्ष कोरोना प्रोटोकाल को देखते हुए 15 दिन ही लगेगा। 30 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद मीना बाजार सजेगा।
पशु मेले के पहले दिन ही पशु कारोबारियों की चहलकदमी से मेला परिसर गुलजार नजर आया। पशु मेला के पहले दिन रविवार को मेला में आए दो बैलों की जोड़ी चर्चा में रही। हीरा-मोती के नाम से मशहूर दोनों बैलों की कीमत एक लाख 20 हजार है। दोकटी थाना क्षेत्र के लालगंज-मुरारपट्टी गांव निवासी त्रिलोकी यादव ने बताया कि दो वर्ष पूर्व उसने ददरी मेले से ही दोनों बछड़ों को खरीदा था।
वहीं, रानी नाम की घोड़ी भी चर्चा में है। इस घोड़ी की कीमत 1.80 लाख है। रेवती थाना क्षेत्र के भोपालपुर निवासी राजिंदर यादव की इस घोड़ी को देखने के लिए दिन भर लोगों की भीड़ लगी रही।
खरीदारों की बढ़ती भीड़ और पशुओं की आवक देखते हुए नगर पालिका प्रशासन मेला की तैयारियों को अंतरिम रुप देने में जुट गया है। कोरोना काल में आशंका थी कि इस वर्ष ददरी मेले में बाहर के पशु व्यापारी भागेदारी से कतराएंगे, लेकिन रविवार से पशु बाजार में घोड़ा-घोड़ी, गाय और भैसों को लेकर बिहार के गया, मुजफ़्फरपुर, छपरा, चौसा, समस्तीपुर समेत जनपद के देहात क्षेत्रों से आने का सिलसिला शुरू हो गया है। इससे पशु व्यापारियों में उत्साह है। मेले में अन्य दुकानें भी सजनी शुरू हो गईं।
खरी, चोकर और भूसा की भी दुकानें जगह-जगह लगी दिखीं। पशुओं से संबंधित सामग्रियों की भी खूब बिक्री रही। नगर मजिस्ट्रेट नागेंद्र सिंह ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी दिनेश कुमार विश्वकर्मा संग मेला परिसर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने पशु कारोबारियों और पशुपालकों से बात की। सुविधाओं की जानकारी ली। साथ ही नगर पालिका प्रशासन को आवश्यक निर्देश भी दिया। उन्होंने चेताया कि मेला में आने वाले पशुपालकों से किसी प्रकार की अवैध वसूली और उत्पीड़न की शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कारवाई की जायेगी।