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उत्तर प्रदेश उपचुनाव में वोटरों ने कहीं दिखाई सहानुभूति तो कहीं बेरुखी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. इस बार के विधानसभा उपचुनाव में वोटरों ने हमेशा के लिए बिछुड़ गए अपने जनप्रतिनिधियों के परिजनों पर भरोसा जताया और उन्हें कामयाबी दिला ही दी।  इस चुनावी जंग में सहानुभूति लहर ने अंडर करेंट काम किया लेकिन देवरिया की जंग में यह करंट नहीं दौड़ा।

अमरोहा की नौगांव सादात से दिवंगत चेतन चौहान की पत्नी संगीता चौहान कड़े मुकाबले के बावजूद जीत गईं। मशहूर क्रिकेटर रहे चेतन चौहान योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। 


बुलंदशहर में स्व. वीरेंद्र सिंह सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही भी चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। इन दोनों के प्रति जनता ने अपना लगाव दिखाते हुए  उपचुनाव में जीत दिला ही दी। भाजपा ने घाटमपुर से कमल रानी वरण के परिवार से बाहर के शख्स को टिकट दिया। फिर भी भाजपा यहां जीत गई। जौनपुर की मल्हनी सीट सपा जीत गई। हालांकि उसके प्रत्याशी लकी यादव को विरोधियों से कड़ा मुकाबला करना पड़ा। लकी यादव दिवंगत पारसनाथ यादव के बेटे हैं।  लकी यादव को पिता की थाती का लाभ मिल ही गया।  


भाजपा ने देवरिया सदर सीट पर किया और दिवंगत जन्मेजय सिंह के बेटे अजय सिंह को टिकट नहीं दिया तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ गए लेकिन वह मुख्य मुकाबले में नहीं आ सके। यहां भाजपा प्रत्याशी जीत गए।

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