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महर्षि वाल्मीकि को प्रणाम, जयंती पर प्रदेशभर में गूंजा 'जय श्रीराम'

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पहली बार वाल्मीकि जयंती को सरकार ने अपने प्रयासों और निर्देशों के साथ मनाया है। शनिवार को महर्षि वाल्मीकि को प्रणाम करने के साथ ही प्रदेशभर में जय श्रीराम का नारा गूंज उठा। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर जानकारी दी कि विभिन्न जिलों में स्थित एक हजार से अधिक मंदिरों में वाल्मीकि रामायण का पाठ किया गया है।

वाल्मीकि जयंती के कार्यक्रमों का शुभारंभ शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने चित्रकूट में वाल्मीकि आश्रम से किया था। वहां उन्होंने असावर माता का पूजन-आरती के साथ महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा का पूजन और वाल्मीकि रामायण पाठ की शुरुआत की। उन्हीं के निर्देश पर मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलों में रामायणकाल से जुड़े स्थलों, मंदिरों आदि में रामायण पाठ, भजन, दीपदान आदि कराने के आदेश जारी किए गए थे।


शाहजहांपुर में हनुमत धाम विसरात घाट पर वित्त, संसदीय कार्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ वाल्मीकि ने संयुक्त रूप से रामायण, भजन-कीर्तन का शुभारंभ किया। इसी तरह अन्य जिलों में संस्कृति विभाग के संयोजन में रामायण पाठ, भजन, दीपदान सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम कोविड-19 के प्रोटोकॉल के साथ हुए। राज्य सरकार ने विभिन्न कार्यक्रमों का ब्योरा भी साझा किया।


शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी ने ट्वीट किया- यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आज महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती के पावन अवसर पर प्रदेश के सभी जिलों में वाल्मीकि रामायण का पाठ एवं भजन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। वाल्मीकि रामायण में निहित मानवीय, सामाजिक व राष्ट्रीय मूल्यों से जनमानस को जोडऩे का यह हमारा प्रयास है। योगी ने लिखा कि आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की पावन जयंती के अवसर पर प्रदेश में पहली बार एक हजार से अधिक मंदिरों पर रामायण का पाठ किया गया। देववाणी संस्कृत को पुनस्र्थापित करने का हमारा प्रयास है। संस्कृत भाषा के विद्वानों में दिखा उत्साह सनातन व भारतीय संस्कृति के नवोत्कर्ष की कहानी कह रहा है।

 
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