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प्रदेश में एक रेलवे स्टेशन से बिना हरी झंडी देखें निकल रहीं ट्रेनें, जानें पूरा मामला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. कानपुर जिले के चकेरी रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली ट्रेनें बिना हरी झंडी देखें और मानीटरिंग के गुजर जाती हैं। इसकी मुख्य वजह स्टेशन के एएसएम कक्ष से लेकर ट्रैक तक बंदरों के जमे रहने के कारण होता है। बंदरों का आतंक इतना है कि कई बार एएसएम बाहर नहीं निकल पाते हैं तो कई बार स्टॉफ ही प्लेटफार्म पर जाकर मानीटरिंग करने से मना कर देता है। 

चकेरी स्टेशन पर तैनात रेल कर्मियों ने बताया कि बंदरों का आतंक इस कदर है कि वे दोपहर के समय ट्रैक पर अड्डा जमा लेते हैं। कोई स्टॉफ बाहर निकलता दिखा तो उसका पीछा कर लेते हैं।बाकी कमी मंगलवार को इलाके लोग पूरी कर देते हैं और वे लोग आकर बंदरों को भोजन कराते हैं, इस वजह से बंदर स्टेशन पर ही अड्डा जमाए रहते हैं। ग्रामीणों से कुछ कहो तो बवाल शुरू हो जाएगा। सीपीआरओ अजीत कुमार कहते हैं कि चकेरी स्टेशन पर बंदरों की समस्या अति गंभीर है। वन्य जीव अधिनियम के नए प्रावधान के तहत बंदरों को भगाने को पटाखा और गन से फायर करना भी प्रतिबंधित हो चुका है। डीआरएम से गुजारिश करके जिला प्रशासन से बात करवाएंगे और नगर निगम व वन विभाग से बंदरों को जनहित में पकड़वाया जाएगा।


एएसएम तक को शिकार बना चुके हैं बंदर

चकेरी स्टेशन पर बंदरों के आतंक का अंदाजा इसी से लगता है कि एएसएम शिवम राज, प्वाइंटस परसन सदफ फारसी , फतेहपुर निवासी शबा खातून, हाथीपुर निवासी पंकज, शोएब, शत्रुघ्न स्कूल के तीन बच्चों सहित नौ लोगों पर बंदरों ने हमला किया और उन्हें जख्मी कर चुके हैं।   


साहब जान देखें कि ड्यूटी

पिछले सप्ताह दिन में ड्यूटी पर मौजूद एएसएम ने प्वाइंटसमैन से कहा कि बाहर जाकर कालका डाउन की मानीटरिंग करना। चतुर्थ श्रेणी कर्मी जैसे ही बाहर निकला तो बंदरों का झुंड देख लौट आया। एएसएम ने कहा तो जवाब मिला कि साहब जान देखें कि ड्यूटी करें। एएसएम बाहर का नजारा देखने को निकले तो कर्मचारी की बात सही थी। 


वन अधिकारी को लिखा खत,राहत की गुहार

बंदरों के आतंक से त्रस्त एएसएम एसके गुप्त ने नगर निगम और वन विभाग को पत्र लिख इससे मुक्ति दिलाने की गुहार की है। साथ ही कहा है कि इन बंदरों के आतंक से यात्री और रेल स्टाफ दोनों को चौबीसों घंटे खतरा बना रहता है। एसके गुप्त ने कहा कि कई बार इलाकाई पार्षद से भी कहा तो भी बात न बनी। 


दिन भर में गुजरती हैं औसतन 125 ट्रेनें

चकेरी स्टेशन पर भले ही ट्रेनों का ठहराव कम हो पर चौबीसों घंटे में मालगाड़ी सहित 125 ट्रेनें आती और जाती हैं। इसमें से लगभग 7-8 फीसदी ट्रेनें बिना मानीटरिंग के निकल जा रही हैं।

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