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दलालों के हाथ में जा रहा आम यात्रियों का टिकट, ऐसे हो रहा फर्जीवाड़ा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. त्योहारों को देखते हुए रेल टिकट दलाल एक बार फिर तेजी से सक्रिय हो गए हैं। टिकट दलालों का रैकेट गोरखपुर से दिल्ली, मुम्बई तक फैला हुआ है। एक-एक टिकट पर दो से तीगुनी कीमत दलाल वसूल रहे हैं। ऐसे दलालों के पीछे सीआइबी व आरपीएफ तो लगी है, लेकिन एक माह के अंदर कोई दलाल सीआइबी के हाथ नहीं लग सका है। हालांकि अधिकारी जल्द ही बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा कर रहे हैं।

ऐसे टिकट दलाल संचालित कर रहे हैं अपना रैकेट

ई-टिकट दलाल पहले से ही त्योहार को देखते हुए मुम्बई, गुजरात, दिल्ली, गोवा, कानपुर का टिकट बनाकर रख लिए हैं। दीपावली, छठ पूजा व लगन में बाहर से आने वाले लोगों को टिकट दलाल पहले से बनाए गए टिकट को उपलब्ध करा रहे हैं। मैसेज, वाटसएप के जरिये टिकट को भेज रहे हैं। इतना ही नहीं, फर्जी आधार कार्ड भी बनाकर उन्हें कोरियर व रजिस्ट्री से भेज दे रहे हैं। जिनका फर्जी आधार कार्ड भेज रहे हैं, उस ग्राहक से तीगुनी कीमत वसूल रहे हैं। साथ ही टिकट का पूरा भुगतान पेटीएम समेत अन्य आनलाइन व्यवस्था से ले रहे हैं। हालांकि हाल के दिनों में प्रतिबंधित साफ्टवेयर के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद अब प्रतिबंधित साफ्टवेयर से टिकट बनाने से दलाल जरुर कतरा रहे हैं।


टिकट की मारामारी छोड़ बहुत से लोग ले रहे हवाई जहाज का सहारा

इस समय कोरोना संक्रमण के चलते केवल चुनिंदा ट्रेनें संचालित हो रही है। सभी ट्रेनों का पहले से ही सीट फुल हो चुका है। ऐसे में लोगों के सामने तत्काल टिकट ही सहारा बना हुआ है। लेकिन तत्काल टिकट एक दिन में तीन से चार ही काउंटर से बन पा रहे हैं। ऐसे में लगन व त्योहारों में हिस्सा लेने आ रहे बहुत से लोग अब हवाई जहाज का सहारा ले रहे हैं। उनका मानना है कि दलाल के माध्यम से टिकट खरीदने पर तीगुनी कीमत चुकता करनी पड़ रही है। जबकि टिकट दलाल से टिकट लेने में जितना पैसा लग रहा है, उसके दोगुना खर्च करने पर वह हवाई जहाज से अपने गन्तव्य को आ सकते हैं। इससे समय का भी बचत हो रहा है।


कुछ टिकट दलालों का रैकेट बड़े शहरों तक फैला हुआ है। अभी प्रतिबंधित साफ्टवेयर से टिकट नहीं बन रहे हैं। टिकट दलालों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है। संजय कुमार राय, सीआइबी प्रभारी भटनी।

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