उत्तर प्रदेश में जल्द ग्रामीण से नगरीय क्षेत्र में हो सकेंगे प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के तबादले
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जल्द ही बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूलों के शिक्षकों के तबादले ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में हो सकेंगे। इसके लिए सरकार परिषदीय शिक्षकों के जिला संवर्ग में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के विभाजन को खत्म करने पर विचार कर रही है। कई व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए सरकार यह कदम उठाने के बारे में मंथन कर रही है।
उत्तर प्रदेश में तकरीबन 1.59 लाख परिषदीय स्कूल हैं, जिनमें से 4583 विद्यालय नगरीय क्षेत्रों में हैं। यूं तो परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के पद जिला संवर्गीय है, लेकिन जिले के अंदर भी ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के बीच विभाजन है। ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों का नगरीय क्षेत्र में तबादला नहीं हो सकता है। वहीं नगरीय इलाके के अध्यापकों का ट्रांसफर ग्रामीण क्षेत्र में नहीं हो सकता है। न ही शहरी इलाके के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र में जाना चाहते हैं। अरसे से बेसिक शिक्षकों की जो नियुक्तियां हुईं, वह ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के लिए हुईं।
नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों के रिटायर होने और लंबे समय से भर्तियां न होने से अध्यापकों के पद बड़ी संख्या में खाली होते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि नगरीय इलाकों के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों के लगभग 22 हजार सृजित पदों में से लगभग दो-तिहाई खाली हैं। यदि किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त ग्रामीण क्षेत्र का कोई शिक्षक इलाज के लिए शहर में तबादला चाहता है तो मौजूदा व्यवस्था के तहत ऐसा हो नहीं सकता।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में कहा कि इन व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करने के लिए जल्द ही परिषदीय शिक्षकों के संवर्ग में ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के विभाजन को खत्म किया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही जिले के अंदर शिक्षकों का समायोजन किया जाएगा ताकि जरूरत के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों को नगरीय क्षेत्र में तैनाती दी जा सके।