Ghazipur: ज़िले का छह वर्ष का नीलेश, एक बार जो सुना व देखा, बस याद हो गया
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. जमानियां: छह वर्ष का नीलेश एक बार जो भी देखता या सुनता है, तो बस उसे याद हो जाता है। इस छोटी उम्र में ही उसे इतना ज्ञान हो गया है कि भौतिकी, गणित, साहित्य व सामान्य ज्ञान के हजारों सवालों का पल में जवाब देता है। उसकी मेमोरी क्षमता देख विषय विशेषज्ञ भी हैरान रह जाते हैं। उसे हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के गणित, भौतिकी व रसायन विज्ञान सहित सभी विषयों के सवाल व जवाब उसे याद है। लोग उसे गूगल ब्वाय के नाम से पुकारते हैं। खुद कभी स्कूल नहीं गया लेकिन वह बड़े-बड़े बच्चों की क्लास लेता है। शिक्षक को वह खुद ही पढ़ाने लगता है।
जनपद स्थित जमानियां क्षेत्र के ढढनी गांव निवासी नीलेश भौतिक विज्ञान के सूत्र पहाड़े की तरह सुनाता है। मिशन चंद्रयान का पूरा वाकया दादी-नानी की कहानियों की तरह बताता है। दिन भर वह यू-ट्यूब पर केवल स्पेस से संबंधित वीडियो देखता है। उसे स्पेस के बारे में इतनी जानकारी है कि पिछले वर्ष अपने मिशन में फेल हुए चंद्रयान का पूरा घटनाक्रम बकायदे कैकुलेट डाटा सहित बेधड़क बताता है। धान व गेहूं का जन्म स्थान कहां है। चने व मटर कहां सबसे पहले उगाए गए और चेचक व पोलियो के टीके का इजाद कब और किसने किया था, वह आसानी से बता देता है। वह यह भी जानता है कि गेहूं व धान का वैज्ञानिक नाम क्या है। किसी मशीन के आविष्कार संबंधित जानकारी तो उसे तीन वर्ष की उम्र से ही है। दुनिया के किसी भी देश का झंडा देखकर उसे देश का नाम बता देता है। सभी प्रमुख देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और यहां तक कि उनके मंत्रीमंडल में शामिल मंत्रियों के नाम तो तोते की तरह रट लिया है। किसी भी प्रसिद्ध पुस्तक का नाम लीजिए, उसके लेखक और किसी प्रतिष्ठित लेखक का नाम लेने पर उनकी पुस्तकों का नाम बता देगा। नदी, पहाड़ व समुद्र सहित भूगोल के बारे में इतना ज्ञान है कि किसी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर भी चकरा जाएं।
शिक्षक को ही पढ़ाने लगता है नीलेश
नीलेश के पिता रघुवंश मणि व मां किरण को यह चिंता खाए जा रही है कि उसे कौन से स्कूल और किस कक्षा में दाखिला दिलवाएं। किसी स्कूल में जाने पर प्रिंसिपल समझ नहीं पाते कि उसे किस शिक्षक से पढ़वाया जाए। क्यों कि वह शिक्षकों को खुद पढ़ाने लगता है। राजस्थान के बीकानेर में स्थित कोङ्क्षचग संस्थान नीलेश को अपने यहां अपने बच्चों का विशेष क्लास लेने के लिए आमंत्रित करते रहते हैं। पिछली बार मिशन चंद्रयान के बारे में नीलेश ने बीकानेर के एक प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान में 45 मिनट का भाषण दिया है। वह भी पूरे आकड़े के साथ।
नहीं मिटती ज्ञान की भूख
नीलेश भले ही स्कूल नहीं जाता हो लेकिन वह घर पर ही पूरे दिन कम्प्यूटर पर अपने ज्ञान की भूख मिटाने में लगा रहता है। सबसे ज्यादा वह अंतरिक्ष के बारे में सर्च करता है। ऐसा लगता है कि उसके ज्ञान की भूख मिट ही नहीं रही है। नीलेश की मां किरण इसमें मदद करती हैं।