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जौनपुर में 377 ग्राम पंचायतों में 10.14 करोड़ रुपये का घोटाला, प्रधानों से मांगा गया स्पष्टीकरण

गाजीपुर न्यूज़ टीम, जौनपुर. गांवों के विकास कार्यों में पारदर्शिता के लिए कई कड़े कदम उठाने के बाद भी भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग सका है। 377 ग्राम पंचायतों के प्रधानों ने पांच वर्षों में कागजी बाजीगरी कर 10 करोड़ 14 लाख 83 हजार 742 रुपये का घोटाला किया है। 

यह घोटाला 1749 ग्राम पंचायतों के लेखा परीक्षा के दौरान सामने आया है। इस खेल में प्रधानों के साथ ही सचिवों की भी मिलीभगत पाई गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए दस सेवानिवृत्त सचिवों की पेंशन पर रोक लगा दी गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय ने संबंधित प्रधानों को नोटिस जारी की है। इन प्रधानों ने गबन की गई राशि संबंधित निधि में जमा नहीं की तो आगामी पंचायत चुनाव में इनकी उम्मीदवारी पर रोक लग सकती है। जिला लेखा परीक्षा अधिकारी चंद्रभूषण ने बताया कि महज 47 प्रधानों ने ही अभी तक स्पष्टीकरण दिया है। इसमें 35 प्रधानों के जवाब संतोषजनक नहीं हैं, शेष 12 की समीक्षा की जा रही है।


महज 47 प्रधानों ने ही दिया जवाब

जिला लेखा परीक्षा कार्यालय द्वारा सभी 377 प्रधानों से स्पष्टीकरण मांगा गया है, जिसमें अभी तक जवाब महज 47 ने ही दिया है। इसमें 35 का जवाब स्पष्ट न होने पर उन्हें अभिलेखों के साथ दोबारा तलब किया गया है, जबकि शेष 12 की समीक्षा की जा रही है। धांधली के सर्वाधिक मामले केराकत, मडिय़ाहूं, बदलापुर व मछलीशहर तहसील क्षेत्र के गांवों में मिले हैं।


अनियमितता में मानक हुए दरकिनार

गांवों में विकास कार्यों के नाम पर की गई गड़बड़ी के चलते मानकों को ताक पर रख दिया गया। आडिट में पता चला कि बिना कार्य कराए ही कहीं-कहीं धन निकाल लिया गया है। इसके अलावा खड़ंजा निर्माण, बोरिंग व इंटरलाि‍किंग में भी मनमाने तरीके से बजट का गोलमाल हुआ है।


पांच वर्षों में की गई हेराफेरी

वर्ष 2013-14 में 53 लाख, 10 हजार, 895 रुपये

वर्ष 2014-15 में एक करोड़, 77 लाख, 39 हजार, 15 रुपये

 वर्ष 2015-16 में तीन करोड़, 1 लाख, 69 हजार, 492 रुपये

वर्ष 2016-17 में 3 करोड़, 93 लाख, 22 हजार 115 रुपये

 वर्ष 2017-18 में 89 लाख 2 हजार 225 रुपये

कुल धनराशि (10 करोड़, 14 लाख, 83 हजार, 742 रुपये)


जिले के सभी ब्लाकों में इस प्रकार की अनियमितता की शिकायतें मिली हैं

जिले के सभी ब्लाकों में इस प्रकार की अनियमितता की शिकायतें मिली हैं। आडिट के दौरान 377 ग्राम पंचायतों में अनियमित रूप से धन की निकासी का मामला संज्ञान में आया है। संबंधित प्रधानों को नोटिस जारी की गई है। इसमें कुछ पूर्व प्रधान भी हैं। संबंधित मामले में दस सेवानिवृत्त सचिवों की पेंशन रोकी गई है। अभिलेख प्रस्तुत नहीं करने पर संबंधित प्रधानों से वसूली की कार्रवाई शुरू कराई जाएगी। साथ ही आगामी पंचायत चुनाव में आरोपित प्रधानों को चुनाव लडऩे के लिए एनओसी जारी नहीं की जाएगी।

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