नई सूहलियतों से उप्र से निर्यात बढ़ाने की कोशिश, इन खास बातों पर जोर
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्रदेश सरकार उप्र से निर्यात बढ़ाने के लिए निर्यातकों को कई सहूलियतें देगी। साथ ही उन देशों पर निगाह रखे है जो चीन से माल आयात कम करने की तैयारी में है। ऐेसे देशों को निर्यात बढ़ाने की कोशिशें तेज हो गईं हैं।
उत्तर प्रदेश के निर्यातकों को अपना माल बाहर भेजने के लिए अब तमाम जगह भटकना नहीं पड़ेगा। उप्र सरकार उनके लिए जल्द सिंगल विंडो सिस्टम बनाएगी। यही नहीं उनके लिए जीएसटी रिफंड संबंधी मामलों को सुलझाने के लिए जल्द जीएसटी सेल बनेगा। एमएसएमई विभाग ने इन प्रावधानों को अपनी नई निर्यात नीति में खास तौर पर जोड़ा गया है। यह निर्यात नीति 2020 जल्द कैबिनेट से पास कराई जाएगी।
उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद सिंगल विंडो सिस्टम बनाने की तैयारी कर रही है। उसके इसके लिए प्राइसवाटर हूपर सलाहकार कंपनी की सेवाएं लीं हैं। इसके आधार पर उन क्षेत्रों से निर्यात बढ़ाने को फोकस किया जाएगा जहां बढ़ोत्तरी की व्यापक संभावनाए हैं। असल में बदलते माहौल में चीन से उन देशों के रिश्तों में व्यापारिक मुद्दों पर तल्खी बढ़ रही है। यह देश दक्षिण अफ्रीका, यूएस, यूके,जर्मनी व कनाडा आदि हैं। इन देशों को चीन भारी मात्रा में विभिन्न उत्पाद निर्यात करता है।
भारत चाहता है कि इन देशों को चीन से होने वाले निर्यात में कमी होने पर अपने लिए स्थान बनाए। उप्र सरकार दूरगामी लक्ष्यों के लिए इसी हिसाब से रणनीति बना रही है। इसके लिए यूपी को अपने यहां नीतियों में बदलाव कर एक्सपोर्ट फ्रेंडली स्टेट बनने की प्रक्रिया में है। सरकार ने अब तीन साल में मौजूदा निर्यात 1.20 से बढ़ाकर 3 लाख करोड़ करने का निर्णय लिया है।
खास बातें
-निर्यात योग्य उत्पादों के लिए भौगोलिक संकेतक पंजीयन कराया जाएगा
-उप्र में इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपोर्ट स्कीम (टीआईईएस) की तर्ज पर योजना शुरू की जाएगी।
-राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त फ्लैटेड इंडस्ट्रियल पार्क में स्थापित निर्यातक इकाईयों को 25 प्रतिशत अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो प्रदान किया जाएगा
-जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला निर्यात बंधु का गठन
-उप्र में केंद्र की योजना की तर्ज पर निर्यात इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कोल्ड चेन, बार्डर हाट, लैंड कस्टम स्टेशन, ड्राई पोर्ट, प्रामाणीकरण लैब, निर्यात पार्क, हवाई अड्डों पर कार्गो टर्मिनल, व्यापार प्रोत्साहन केंद्र, व पैकेजिंग केंद्र बनाए जाएंगे
-निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो में पूर्णकालिक पदों का सृजन किया जाएगा
-निर्यात करने वाली यूनिटों में नर भैंसा उत्पादन पर इन्सेंटिव की व्यवस्था
-फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन (एफआईईओ), इंडियन ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) व नेशनल सेंटर फार ट्रेड इंफारमेशन, एंड प्रोडेक्ट सेक्टोरल एसोसिएशन (एनसीटीआई) के साथ समन्वय बढ़ाया जाएगा
- उप्र से वर्ष 2017-18 में 88966.55 करोड़ का निर्यात हुआ।
- इसका देश के निर्यात में योगदान 4.9 प्रतिशत है।
- निर्यात में उप्र का देश में पांचवां स्थान है।
- उप्र में निर्यात में मीट उत्पाद का योगदान सर्वाधिक 41 प्रतिशत है।