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कार्तिक पूर्णिमा पर तीन से ज्यादा शादियां, लग्न की खरीद से बाजार में आया बूम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए मार्च से जून तक लगे लाकडाउन के कारण जो शादियां टल गईं थी वह भी अब जाकर हो रही हैं। पहले से ठंड के सीजन में जो शादियां होती हैं वो तो है। साथ ही अप्रैल, मई, जून, जुलाई की शादियां भी टालकर नवंबर-दिसंबर में जुड़ गई हैं। यही कारण हैं कि काशी में 30 को शादियों का तिहरा शतक लग सकता है। ऐसे में सड़क जाम एवं बाजार में भीड़ होने की संभावना जताई जा रही है।

गुरुवार शाम बरात की वजह से सड़कों पर चलह-पहल बढ़ गई थी। हालांकि बरात में बहुत कम लोग ही चल रहे थे। तेलियाबाग से कैंट की ओर एक बरात जा रही है। इसमें घर के प्रमुख सदस्यों के साथ अधिकतम दो दर्जन ही मौजूद थे, जिसमें बैंडबाजा व लाइट वाले भी शामिल थे। इसी प्रकार अन्य रूटों पर भी स्थिति देखी गई। वाराणसी टेंट व्यवसायी एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रकाश कुमार श्रीवास्तव गणेश ने बताया कि वैसे तो शादियां शुरू हो गईं हैं, लेकिन अभी कम है। 30 नवंबर को जबरदस्त लग्न है। लान, हाल, कैटरिंग, टेंट, होटलों आदि की बुकिंग को देखा जाएं तो करीब 300 शादियां है। इसके बाद दिसंबर माह भी ठीकठाक लग्न है।


लग्न की खरीद से बाजार में आया बूम

दशहरा, धनतेरस, दीपावली के बाद बाजार अब पूरी तरह लगनी मूड में आ गया है। इसका असर बुधवार को भी सभी बाजारों में देखते को मिला। सभी सेक्टरों की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी गई। बाजार में जबरदस्त बूम आया है। कई इलेक्ट्रानिक दुकानदार शादी की खरीदारी करने वाले ग्राहक लकी ड्रा सहित कई आफर भी दे रहे हैं। रामकटोरा स्थित काशिका इंटर प्राइजेज के प्रोपाइटर अजीत कुमार उपाध्याय ने बताया कि लग्न के लिए सबसे अधिक वाशिंग मशीन, एलईडी टीवी, गीजर आदि की खरीदारी हो रही है। कई कंपनियों के स्टाक भी लगभग समाप्त हो गए हैं। यूं कहें तो इस साल का यह एक्सीलेंट बाजार है।


इस बार पहली बार देखा जा रहा है कि वाराणसी में आसपास के जिलों के ग्राहक भी खूब आ रहे हैं। दुर्गांकुंड स्थित नारायन दास एंड संस के निदेशक अमित अग्रवाल बताते हैं कि इस बार जो ग्राहक आ रहे हैं बहुत ही जल्दबाजी में खरीदारी कर रहे हैं। करण कि लग्न बहुत ही कम दिनों तक ही है। इस लिए दुकानों पर जबरदस्त भीड़ हो रही है। ग्राहकों की डिमांड के अनुसार जेवर तैयार करने में कारीगरों को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ रही है।


अचानक ही दुकानों में इतनी भीड़ होगी इसका अनुमान दुकानदारों को भी नहीं था। लाकडाउन में व्यापार चौपट होने के कारण तमाम दुकानदार अधिक माल नहीं मंगवाए थे। उनको लगा कि पहले से ही स्टाक की खपत की जाएगी, लेकिन धनतेरस, दीपावली की खरीदारी ने उनके अनुमान को गलत साबित कर दिया। अब लग्न की खरीदारी पूरे सबाब पर है तो माल की ही कमी हो रही है।

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