Ghazipur: एमएलसी चुनाव में गड़बड़ी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई - जिलाधिकारी
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. शिक्षक एमएलसी चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है। एक दिसंबर को जिले के 19 केंद्रों पर मतदान होगा। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह व पुलिस अधीक्षक डा. ओमप्रकाश सिंह ने रविवार को पुलिस लाइन परिसर स्थित सभाकक्ष में पुलिस बल को ब्रीफ किया। कहा कि चुनाव में गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी ने सभी मातहतों को चुनाव से संबंधित आवश्यक जानकारी साझा किए। निर्देश दिया कि ड्यूटी में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। अगर कोई गड़बड़ी करने की कोशिश करे तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। पुलिस अधीक्षक ने भी सुरक्षा के संबंध में बताते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चुनाव में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं होने दी जाएगी। अगर कोई अशांति फैलाने की कोशिश करेगा तो उसके सख्त कार्रवाई की जाएगी। अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अनिल झा के साथ ही सभी उपजिलाधिकारी, सभी क्षेत्राधिकारियों सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
मतदाता सूची में संशोधन के बाद गरमाई गांवों की राजनीति
बारा: मतदाता सूची में संशोधन के बाद गांवों की राजनीति गरमा गई है। उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पंचायत चुनाव से संदर्भित मतदाता सूची का पुनरीक्षण संशोधन का कार्य अब पूरा हो गया है। इस कार्य में लगे बीएलओ ने अपने सभी कागजात तहसील मुख्यालय पर जमा कर दिए हैं।
इसी के साथ प्रधान पद के संभावित प्रत्याशियों की भाग-दौड़ को एक बार पुन: पंख लग गया है। इधर एक हफ्ते से पंचायत चुनाव की सरगर्मी काफी बढ़ गई है। प्रधान पद के संभावित प्रत्याशी डोर-टू-डोर जाकर लोगों से संपर्क करने में लग गए हैं। यह सिलसिला सुबह से लेकर देर रात तक चल रहा है। चट्टी-चौराहों और चाय-पान की दुकानों पर भी पंचायत चुनाव की चर्चा करते लोग देखे जा रहे हैं, वहीं गांव में पोस्टरों व बैनरों की बाढ़ आ गई है। संभावित प्रधान पद के प्रत्याशियों का आंकलन लोग अभी से करने लगे हैं। बारा जैसे गांव में आधा दर्जन से अधिक प्रधान पद के दावेदार हो गए हैं। इसमें बड़े से छोटे सभी शामिल हैं।
फारवर्ड क्लास से लेकर बैकवर्ड क्लास तक के लोग अपनी दावेदारी मजबूत करने में लगे हैं। सामान्य वर्ग से लेकर आरक्षित वर्ग के लोग अपनी दावेदारी को धार देने में लगे हैं। वैसे देखने में प्राय: सभी दावेदार युवा प्रतीत हो रहे हैं जिनमें कुछ कर गुजरने की ललक है और यह पंचायतों के लिए अच्छी बात है। कुछ यही हाल आस-पास के अन्य गांवों का भी है। चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को शुरू कर इन दावेदारों को अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान कर दिया है। पंचायत चुनाव का समय बढ़ा कर भावी प्रत्याशियों के जेबों पर भी काफी बोझ डाल दिया है।