कौन है भीम राजभर जिसे बसपा मुखिया मायावती ने सौंपी उत्तर प्रदेश की कमान, यहां जानें
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने उत्तर प्रदेश के बसपा अध्यक्ष की घोषणा कर दी है। उन्होंने आजमगढ़ मंडल के जोनल कोऑर्डिनेटर मऊ निवासी भीम राजभर को प्रदेश की कमान सौंपी है। मायावती ने इसकी जानकारी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर दी है। मायावती के इस निर्णय से पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में हर्ष व्याप्त है।
भीम राजभर को बसपा प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ पार्टी मुखिया मायावती ने ट्वीट कर लिखा कि पार्टी के सच्चे सिपाही भीम राजभर को पार्टी की जिम्मेदारी सौंपी जा रही। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि यूपी में अति-पिछड़े वर्ग (ओबीसी) में राजभर समाज के पार्टी व मूवमेन्ट से जुड़े पुराने, कर्मठ एवं अनुशासित सिपाही श्री भीम राजभर, निवासी ज़िला मऊ (आज़मगढ़ मण्डल) को बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इनको हार्दिक बधाई व शुभकामनायें।
यूपी में अति-पिछड़े वर्ग (ओबीसी) में राजभर समाज के पार्टी व मूवमेन्ट से जुड़े पुराने, कर्मठ एवं अनुशासित सिपाही श्री भीम राजभर, निवासी ज़िला मऊ (आज़मगढ़ मण्डल) को बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश स्टेट यूनिट का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इनको हार्दिक बधाई व शुभकामनायें।— Mayawati (@Mayawati) November 15, 2020
भीम राजभर मऊ जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र के मोहम्मदपुर बाबूपुर गांव के रहने वाले हैं। वह बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही वर्ष 2012 में मऊ की सदर सीट से प्रत्याशी भी रहे हैं।
सामान्य परिवार में जन्मे भीम राजभर वर्ष 2002 में पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे, वर्ष 2012 में पार्टी के टिकट पर भीम राजभर सदर विधानसभा से मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़े थे, इस दौरान वह करीब 4 हजार वोट से हार गए थे। इसके बाद बसपा ने उन्हें विभिन्न प्रदेशों की प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी, जिसका निर्वहन भीम ने जिम्मेदारी पूर्वक किया।
भीम का कार्य बेहतर होने पर मायावती ने अब भीम राजभर को पार्टी की तरफ से बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार राजू ने बताया कि जमीनी कार्यकर्ता भीम राजभर को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कार्यकर्ता दोगुने उत्साह में हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में बसपा काफी मजबूती के साथ प्रदेश में चुनाव लड़ेगी।
सियासी रणनीति का हिस्सा!
बीएसपी सुप्रीमो मायावती का ये बदलाव यूपी उपचुनाव के बाद हुआ है। क्योंकि हाल हाल ही हुए यूपी उपचुनाव में बसपा का प्रदर्शन खराब रहा था। इन चुनावों में बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। पूर्वांचल में राजभर वोट बैंक की अच्छी तादाद है। मायावती के इस फैसले को राजभर वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की सियासी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।